लंदन। दुनिया के कई देशों को भविष्य में हीटवेव से जूझना पड़ेगा। इससे सिर्फ सूखा ही नहीं आएगा, बल्कि सामाजिक आर्थिक विकास, आबादी, ऊर्जा और सेहत संबंधी सुविधाओं पर सीधा असर पड़ेगा। इसलिए इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि भविष्य में ऐसे कौन से देश हैं, जहां पर हीटवेव का असर सबसे ज्यादा होगा, ताकि पहले से सुरक्षा के उपाय किए जा सकें। इंग्लैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के क्लाइमेट साइंटिस्ट विक्की थॉमसन कहते हैं कि हमने कुछ इलाके पहचाने हैं, जहां पर भविष्य में भयानक गर्मी पड़ेगी, क्योंकि वहां आबादी तेजी से बढ़ रही है। वो विकासशील देश हैं और वहां गरीबी है।
हीटवेव का सीधा और सबसे ज्यादा असर
हीटवेव का सीधा और सबसे ज्यादा असर अफगानिस्तान, पापुआ न्यू गिनी और मध्य अमेरिका पर सबसे ज्यादा पड़ेगा। बीजिंग और मध्य यूरोप भी प्रभावित होंगे। इन देशों की बड़ी आबादी को हीटवेव का नुकसान झेलना पड़ेगा व सेहत बिगड़ेगी। लोगों की मौतें तक होंगी। शोधकर्ताओं के मुताबिक आमतौर पर देश उन आपदाओं के लिए तैयार रहते हैं, जो वो बर्दाश्त कर चुके हैं, लेकिन हीटवेव अचानक तेजी से बढ़ेगी। इसके लिए कोई भी देश तैयार नहीं है। ऐसे देशों में नीतियां बनाने वालों को इसकी तैयारी करनी चाहिए, क्योंकि इंसानों की वजह से बदल रहा जलवायु ही नुकसान कर रहा है।
मौतें ही नहीं, और भी असर
ज्यादा तापमान से सिर्फ इंसान की मौत ही नहीं होगी बल्कि इससे रोजमर्रा के जीवन पर भी असर पड़ेगा। खेती-बाड़ी को नुकसान होगा। जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाएंगी, लेकिन इन्हें कम किया जा सकता है। इसके लिए शहरों में शिफ्ट वाइज में काम करने वालों के वर्किंग आवर कम करने चाहिए और शहरी इलाकों में ठंडी रहने वाली जगहें बनाई जानी चाहिए।
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