चूरू पुलिस के कॉन्स्टेबल रमेश मीणा ने जो साहस दिखाया है, उसकी आज हर कोई प्रशंसा कर रहा है। रमेश मीणा ने चुरू के सुजानगढ़ में एक ज्वैलरी शॉप पर हुई फायरिंग के आरोपी को ना सिर्फ गिरफ्तार किया बल्कि हाथ में गोली लगने के बावजूद उसे भीड़ के चंगुल से उसी हाथ से बचाया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी हुआ है जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया है।
इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक आरोपी को भीड़ दबोचे हुए है। मारपीट कर रही है। इसी बीच कॉन्स्टेबल रमेश मीणा भीड़ के बीच पहुंचते हैं, उनके हाथ में गोली भी लगी हुई है जो हमलावरों ने ही मारी है। हाथ से खून रिस रहा है लेकिन फिर भी उन्होंने साहस दिखाते हुए उसी हाथ से आरोपी को मॉब लिंचिंग का शिकार होते-होते बचाया और उसे उसी हाथ से लेकर पुलिस की जीप में बिठाया और फिर थाने की ओर रवाना हो गए।
अकेले ही बदमाशों से भिड़े रमेश मीणा
सबसे हैरानी की बात यह है कि आरोपियों से कॉन्स्टेबल रमेश अकेले ही भिड़ गए। बदमाशों की फायरिंग में ही कॉन्स्टेबल रमेश को गोली लग गई थी। रमेश की ऑन ड्यूटी इस साहस से डीजीपी भी काफी खुश हुए। उन्होंने रमेश मीणा को गैलंट्री प्रमोशन के तहत हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया है। एडीजी विपिन कुमार पांडे ने इसके आदेश जारी किए। अब रमेश मीणा हेड कांस्टेबल हो जाएंगे।
ये है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला चूरू के सुजानगढ़ का है। कल शाम को यहां आज एक ज्वेलरी शोरूम पर फायरिंग कर रहे बदमाशों को भीड़ ने पकड़ लिया। इनमें से दो नकाबपोश तो भागने में सफल रहे लेकिन एक आरोपी भीड़ के हत्थे चढ़ गया। जिसके बाद लोगों ने आरोपी की जमकर पिटाई शुरू कर दी। भीड़ ने आरोपी को इतना पीटा कि वह खून से लथपथ हो गया मौके पर मौजूद कॉन्स्टेबल रमेश मीणा ने धीरे से इस बदमाश को बचाया। यही नहीं लोगों ने कॉन्स्टेबल से आरोपी के पैर में गोली मारने को भी कहा लेकिन कॉन्स्टेबल ने धैर्य बनाए रखें और अपने घायल हाथ से ही किसी तरह आरोपी को भीड़ से खींचकर पुलिस की जीप तक ले गए और फिर जीप में बिठाकर थाने ले आए।
इस आरोपी का नाम तेजपाल मेघवाल है जो 22 साल का है। चूरू एसपी राजेश कुमार ने बताया कि इन तीनों बदमाशों पर पहले से ही मुकदमे दर्ज हैं। इनकी तलाशी के लिए पुलिस ने अभियान में चला रखा है, जल्द ही इन्हें पकड़ लिया जाएगा।