प्रदेश में कई मांगों को लेकर सरपंचों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है। आज सातवें दिन भी ये धरना जारी रहा। अपनी मांगों को लेकर सरपंचों के एक प्रतनिधिमंडल ने आज जयपुर में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा।
सरपंच संघ राजस्थान के बैनर तले ये आंदोलन चल रहा है। राजस्थान सरपंच संघ के प्रवक्ता रफीक पठान ने बताया कि पीसीसी अध्यक्ष डोटासरा ने सभी पदाधिकारियों को इस मामले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष रखने का आश्वासन दिया है। जिससे समस्याओं के समाधान की कोशिश की जाएगी और महंगाई राहत कैंपों मैं जो अव्यवस्थाएं आ रही है उसे जल्द से जल्द दूर किया जा सके।
सीएम से जल्द वार्ता करने का दिया आश्वासन
प्रतिनिधिमंडल में शामिल पदाधिकारी ने बताया कि लंबे समय से सरपंचों की लंबित मांगों को कई बार ज्ञापन दिए गए और वार्ता हुई मगर कोई समाधान नहीं निकला। उन्होंने डोटासरा के सरपंचों की मांगे जल्द पूरा करने की कि मांग की है। मांगों के पूरा न होने के चलते सरपंचों ने महंगाई राहत कैंप का बहिष्कार किया हुआ है। सभी पदाधिकारियों औऱ सरपंचों ने साफ कह दिया है कि मांगे पूरी नहीं होने तक आंदोलन और महंगाई राहत कैंप का बहिष्कार जारी रहेगा।
बता दें कि इस प्रतिनिधिमंडल में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रोशन अली, प्रदेश उपाध्यक्ष भंवर सिंह धीवा, तारा पूनिया, मुख्य प्रवक्ता रफीक पठान, जयपुर जिला अध्यक्ष मेहर सिंह धनकड़, पुजारी की ढाणी सरपंच मोहर सिंह दूत, शामिल रहे।
इन मांगों को लेकर सरपंच कर रहे हैं प्रदर्शन
सरपंचों की मांग है कि ग्राम पंचायतों के अधिकारों में अब लगातार कटौती की जा रही है। जिससे उन्हें वित्तीय सहायता नहीं मिल पा रही है। पंचायतों का विकास नहीं हो पा रहा है। इसलिए सरपंचों में इसे लेकर नाराजगी है। उन्होंने सरकार से 15वें वित्त आयोग के 1500 करोड़ रुपए बकाया राशि को जारी करने की मांग की है। इधर सरकार का कहना है कि वह यह राशि 5-6 महीनों में देगी, जिसे सरपंच मान नहीं रहे हैं।
सरपंचों का कहना है कि राज्य वित्त आयोग की दोनों किस्त के करीब 3000 करोड़ रुपए बकाया ग्राम पंचायत के खातों में ट्रांसफर करें। ग्राम पंचायतों के बनाए जा रहे वार्षिक प्लान में संशोधन पर शिथिलता प्रदान करें। केंद्र सरकार के ग्राम पंचायतों और पंचायती राज संस्थाओं को दिए जाने वाले अनुदान में कटौती को बंद करें और इसे बढ़ाए। इसके अलावा सरपंचों की नरेगा से संबंधित और कई मांगे हैं। जिन्हें वे सरकार से पूरा करने की मांग कर रहे हैं।
महंगाई राहत कैंप पर पड़ रहा है असर
ग्राम पंचायत के सभी अधिकारी सरपंच से लेकर वी डि ओ तक 21 अप्रैल से धरने पर बैठे हुए हैं। जिससे महंगाई राहत कैंप संचालन में काफी समस्याएं आ रही हैं। क्योंकि लोगों को गांव या ग्राम पंचायतों से निकालकर महंगाई राहत कैंप तक लाने का जिम्मा ग्राम पंचायतों को ही है। ऐसे में ग्राम पंचायतों के अधिकारी ही जब हड़ताल पर बैठे हुए हैं तो कैंप सुचारू रूप से नहीं चल पा रहे हैं।