प्रयागराज। अतीक अहमद हत्याकांड (Atiq Ahmed) की जांच में पुलिस रोज नए-नए खुलासे कर रही है। अब सामने आया है कि आतंकी संगठनों से अतीक के संपर्क होने का जो अंदेशा लगाया जा रहा था, वह आखिर सच निकला। अतीक अहमद के लिए आतंकी जीशान काम करता था। अतीक के संबंध आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से भी थे।
2 साल पहले आतंकी जीशान को ATS ने पकड़ा था
2 साल पहले ही एटीएस ने आतंकी जीशान कमर को गिरफ्तार किया था। खुलासा हुआ है कि जीशान के पासपोर्ट के लिए अशरफ ने एक लेटर लिखकर पैरवी की थी और यह भी बताया था कि जीशान उसके यहां कई सालों से काम कर रहा है इसलिए उसे पासपोर्ट उपलब्ध करवाया जाए। साल 2017 में अशरफ अहमद ने जीशान के पासपोर्ट के लिए एक अधिकारी को लेटर लिखा था। बीते दिन ये लेटर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।
2017 में पासपोर्ट के लिए अशरफ ने लिखाथा लेटर
इस लेटर पैड पर अशरफ के नाम के साथ पूर्व विधायक भी लिखा हुआ था। इसका मतलब साफ है कि अशरफ ने अपनी विधायकी का रौब दिखाते हुए एक आतंकी को पासपोर्ट दिलवा दिया और जो उसके लिए काम करता था और बेहद करीबी भी था। इस लेटर में साल 2017 की तारीख अंकित है।
ISI औऱ लश्कर -ए-तैयबा से थे संबंंध
जीशान पाकिस्ताी खूफिया एजेंसी ISI से बम ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग लेकर भारत आया था और वहीं से बारूद और हथियार लेकर प्रयागराज भी आया था। जब अतीक अहमद को गुजरात जेल से प्रयागराज की नैनी जेल में ले जाया गया था, तो यहां नैनी जेल में अतीक से पूछताछ हुई थी। अदालत में पुलिस ने जो रिमांड की कॉपी पेश की थी, उसमें बताया गया था कि अतीक ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से अपने कनेक्शन को स्वीकारा है। उसने बताया था कि उसको हथियार भी पाकिस्तान से ही मिलते थे।