अमृतसर। ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह आखिरकार पकड़ा गया। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश में कई दिनों से सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस जुटी हुईं थीं। पंजाब पुलिस ने रविवार को उसे गिरफ्तार किया। पंजाब पुलिस के मुताबिक, अमृतपाल को मोगा जिले में रोडे गांव के गुरुद्वारे से सुबह 6:45 बजे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पंजाब पुलिस उसे बठिंडा से फ्लाइट के जरिए असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया। गुरुद्वारा के सिंह साहिब ज्ञानी जसबीर सिंह रोडे ने दावा किया है कि अमृतपाल सिंह शनिवार रात को ही गुरुद्वारा पहुंचा था। उसने खुद पुलिस को अपनी मौजूदगी के बारे में फोन पर सूचित किया और कहा कि वह रविवार की सुबह 7 बजे आत्मसमर्पण करेगा।
बता दें कि पंजाब से 18 मार्च से फरार अमृतपाल सिंह की तलाश के लिए पंजाब के अलावा हरियाणा, यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड के साथ-साथ भारत से लगी सीमाओं तक हो रही थी। रविवार सुबह पुलिस ने अमृतपाल सिंह को मोगा के गुरुद्वारा से सरेंडर के बाद गिरफ्तार किया है। करीब 36 दिन बाद अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस के हाथ लगा है।
अमृतपाल ने सरेंडर से पहले गुरुद्वारे में संबोधित किया…
पुलिस को खबर मिली थी कि अमृतपाल सिंह समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करना चाहता था। भीड़ जमा होने पर माहौल बिगड़ने की आशंका थी। लिहाजा अमृतसर के एसएसपी सतिंदर सिंह और पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के आई रविवार सुबह ही गांव रोडे के गुरूद्वारे में पहुंच गए थे। सादी वर्दी में पहुंची पुलिस टीम ने अल सुबह ही अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से कुछ घंटों पहले मोगा के गांव रोड़े के गुरुद्वारा में उसने गुरुद्वारा साहिब से श्रद्वालुओं को संबोधित किया था। गुरुद्वारा के सिंह साहिब ज्ञानी जसबीर सिंह रोडे ने दावा किया है कि अमृतपाल सिंह शनिवार रात को ही गुरुद्वारा पहुंचा था। उसने खुद पुलिस को अपनी मौजूदगी के बारे में फोन कर सूचित किया और कहा कि वह रविवार सुबह 7 बजे आत्मसमर्पण करेगा। सरेंडर से पहले अमृतपाल सिंह ने कहा कि उसके जैसे आते जाते रहेंगे, लेकिन युवा नशे छोड़े और अमृत ग्रहण करे।
अमृतपाल एनएसए का आरोपी, करीब 36 दिन से था फरार…
अमृतपाल पर एनएसए के तहत केस दर्ज है। पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक के खिलाफ पहले ही सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया हुआ है। वह पिछले 36 दिन से फरार था। उसने 23 फरवरी को अपने एक समर्थक की रिहाई के लिए पंजाब के अजनाला थाने पर हमला किया था। 18 मार्च को पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की थी, लेकिन वह फरार हो गया था।
अमृतपाल को अलग-अलग जगह देखा गया…
पंजाब से फरार होने के बाद भगोड़ा अमृतपाल कभी उत्तराखंड के पीलीभीत में तो कभी राजस्थान के काला बांगा में छिपा बताया गया। इसी दौरान अमृतपाल को पंजाब और उत्तराखंड में अलग-अलग स्थान पर देखे जाने की खबरें आईं, लेकिन पुलिस के उस स्थान तक पहुंचने से पहले ही अमृतपाल किसी दूसरी जगह दिखाई दे जाता। जालंधर के शाहकोट में पुलिस को अमृतपाल के बाइक पर भागने की खबर मिली। घेराबंदी भी की गई लेकिन अमृतपाल बच निकलने में सफल रहा। इसी तरह होशियारपुर में भी अमृतपाल का पता चला, लेकिन पुलिस के एक्शन में आने से पहले वह इस जिले से भी निकल गया।
15 अप्रैल को दो साथियों को किया गिरफ्तार…
18 मार्च को अमृतपाल सिंह और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी। जिसके बाद से वह फरार था। जिसके बाद पंजाब और दिल्ली पुलिस की एक जॉइंट टीम ने 18 अप्रैल को अमृतपाल सिंह के दो और सहयोगियों को पंजाब के मोहाली में गिरफ्तार किया गया था। 15 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने उसके करीबी सहयोगी जोगा सिंह को फतेहगढ़ साहिब जिले के सरहिंद से गिरफ्तार किया था। बता दें कि अमृतपाल तथा उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
अमृतपाल बोला- गिरफ्तारी अंत नहीं, शुरुआत…
गिरफ्तारी से पहले रोडे गांव गुरुद्वारे में प्रवचन के दौरान अमृतपाल ने कहा कि यह जरनैल सिंह भिंडरांवाले का जन्म स्थान है। उसी जगह पर हम अपना काम बढ़ा रहे हैं और अहम मोड़ पर खड़े हैं। एक महीने से जो कुछ हो रहा है, वह सब सभी ने देखा है। अगर सिर्फ गिरफ्तारी की बात होती, तो गिरफ्तारी के बहुत तरीके थे। हम सहयोग करते।
अमृतपाल बोला कि दुनिया की कचहरी में हम दोषी हो सकते हैं। सच्चे गुरु की कचहरी में नहीं। एक महीने बाद फैसला किया, इसी धरती पर लड़े हैं और लड़ेंगे। जो झूठे केस हैं, उनका सामना करेंगे। गिरफ्तारी अंत नहीं शुरुआत है।’
भिंडरावाले के जन्म स्थान पर ही सरेंडर की प्लानिंग की…
अमृतपाल को जिस रोडे गांव से पकड़ा गया, वहीं जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था। वारिस पंजाब दे का प्रमुख बनने के लिए यहीं उसका दस्तारबंदी समारोह हुआ था। अमृतपाल समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करके शक्ति प्रदर्शन करना चाहता था। इसके लिए रविवार का दिन चुना गया था। उसके करीबियों ने ही पंजाब पुलिस से संपर्क कर सरेंडर के बारे में बताया था।
अमृतपाल की पत्नी को एयरपोर्ट पर रोका…
अमृतपाल की एनआरआई पत्नी किरणदीप कौर को 20 अप्रैल को अमृतसर एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोक लिया था। वह लंदन जा रही थीं। श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर किरणदीप से 3 घंटे तक पूछताछ चली। इसके बाद किरणदीप को छोड़ दिया गया था।