प्रयागराज। अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ अहमद की हत्या के आरोपियों को आज प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया है। पुलिस ने आरोपियों की रिमांड मांगी है। इसकी कोर्ट में सुनवाई चल रही है। आरोपियों की पेशी को लेकर कोर्ट की कड़ी सुरक्षा की गई है।
केस से जुड़े वकीलों की ही अंदर एंट्री
हत्यारों को कोर्ट में लाने तक पुलिस की हाईटेक सुरक्षा की गई है। कोर्ट परिसर में इस केस से जुड़े वकीलों को ही एंट्री दी गई है, बाकी दूसरे वकीलों को बाहर रखा गया है। दरअसल खुफिया एजेंसियों को इन तीनों ही आरोपियों पर हमले की खबर मिली है, इसलिए कोर्ट की सुरक्षा बेहद कड़ी गई है। कोर्ट को छावनी परिसर बना दिया गया है। परिसर में 3 लेयर की सुरक्षा की गई है जिसमें से 2 लेयर यूपी पुलिस की है जबकि अंदर की लेयर RAF की हैं।
आरोपियों की हत्या की आशंका
गौरतलब है कि अतीक (Atiq Ahmed) और अशरफ की हत्या भी पुलिस और मीडिया के सामने बीच सड़क पर कर दी गई थी। इसलिए सुरक्षा के इतने सारे इंतजाम किए गए हैं। हमलावर रिपोर्टर्स बनकर आए थे, जब अतीक और अशरफ मीडिया से बातचीत कर रहे थे, तभी उन्होंने गन निकालकर उन पर गोली चला दी जिससे अतीक और अशरफ की मौके पर मौत हो गई। इन तीनों हमलावरों के नाम लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी हैं।
इनके पास से जिगाना पिस्टल मिली है जिससे अतीक और अशरफ की हत्या की गई थी। इस जिगाना पिस्टल को लेकर भी जांच जारी है। क्योंकि यह टर्की में बनती है और यह पाकिस्तान के रास्ते भारत लाई गई है। अतीक (Atiq Ahmed) और अशरफ की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है,जिसकी सुनवाई अब 24 अप्रैल को होगी। दो दिन पहले इस मामले की याचिका दायर हुई थी।
याचिका में ये की गई है मांग
बता दें कि इस याचिका को वकील विशाल तिवारी ने दायर की है। उन्होंने इस याचिका में उत्तर प्रदेश में साल 2017 के बाद यानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल शुरू होने के बाद हुए 183 एनकाउंटर की जांच की भी मांग की है। इस याचिका में ये भी कहा गया है जिस तरह से भारी पुलिस बल की मौजूदगी और मीडिया के लाइव कैमरों के सामने इस हत्या को अंजाम दिया गया है उससे देश के कानून और लोकतंत्र गहरा गया है। इसलिए इस केस की सुनवाई हो।