जयपुर। प्रदेश में सत्ता का रिवाज बदलने में जुटी कांग्रेस अपने विधायकों की जब्ज टटोलने में जुटी हुई है। वन टू वन संवाद कार्यक्रम के तहत लगातार दूसरे दिन आज भी रायशुमारी का सिलसिला जारी रहेगा। आज उदयपुर, भरतपुर और कोटा संभाग के विधायकों से फीडबैक लिया जाएगा। वन टू वन फीडबैक के लिए कुल 37 विधायकों को जयपुर बुलाया गया है। विधायकों को 13 सवालों का परिपत्र थमाया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा मौजूद रहेंगे।
विधायकों के साथ तीन दिन तक चलने वाले इस संवाद कार्यक्रम में पहले दिन सोमवार को अजमेर और जोधपुर संभाग के विधायकों के साथ चर्चा हुई, लेकिन टोंक विधायक सचिन पायलट नहीं पहुंचे। हालांकि, पायलट समर्थक विधायक मुख्यमंत्री को राजस्थान के मिशन 2030 और उसमें महंगाई राहत कैंप के बारे में सुझाव देने पहुंचे। विधायकों से 13 सवाल वाला फॉर्म भी भरवाया गया।
सत्ता विरोधी लहर से आप कैसे निपटेंगे?
सोमवार से शुरू की रायशुमारी में सीधा सवाल किया है कि खुद के विधानसभा क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर से आप कैसे निपटेंगे? विधायकों से उनके इलाकों के जातिगत और धार्मिक समीकरण भी पूछे गए। संवाद में विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। विधायकों से जनता का मानस, सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं सहित नए जिलों के गठन के बाद फील्ड की स्थिति पूछी गई और सुझाव मांगे गए।
योजनाओं पर लिया फीडबैक
रायशुमारी में सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों और योजनाओं को लेकर फीडबैक लेते हुए रंधावा ने विधायकों से अपने क्षेत्र में पार्टी और विधायक की स्थिति के बारे में जानकारी ली। साथ ही, स्वयं का आकलन करने को भी कहा। इसी के साथ विधायकों से खुद के खिलाफ क्षेत्र में एंटी इनकं बेंसी की स्थिति और उसे दूर करने के लिए प्रयासों की जानकारी ली। साथ ही पार्टी के कार्यों में भागीदारी की जानकारी ली। बैठक के बाद विधायकों ने बताया कि विधानसभा चुनाव जीतने के लिए उनसे विशेष सुझाव भी मांगे गए, साथ ही जनता को और क्या राहत दी जा सकती है, इसके बार में सुझाव मांगे गए।
पार्टी गुटबाजी पर भी हुई बात
एक-एक कर अपनी बात रख रहे विधायकों सेकांग्रेस पार्टी में चल रही उठापटक और बयानबाजी को लेकर भी सवाल पूछा गया। इस दौरान डोटासरा ने पायलट समर्थक विधायकों की चुटकी ली, जिस पर विधायकों ने सीएम और रंधावा के सामने आपत्ति जताई। साथ ही, विधायकों ने पार्टी को गुटबाजी छोड़ एकजुट होकर काम करने का सुझाव दिया।
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