ओवैसी ने सर्वे रिपोर्ट की पेश, कहा- प्रदेश में मुसलमानों को गुलाम बना दिया, सीएम से मिलकर जवाब लेना चाहूंगा

जयपुर। राजस्थान में चुनावी माहौल के बीच आज प्रदेश में दिग्गज नेताओं ने हुंकार भरी। एक तरफ भाजपा से अमित शाह और राजनाथ सिंह ने…

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जयपुर। राजस्थान में चुनावी माहौल के बीच आज प्रदेश में दिग्गज नेताओं ने हुंकार भरी। एक तरफ भाजपा से अमित शाह और राजनाथ सिंह ने चुनावी शंखनाद किया तो दूसरी तरफ AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए एक सर्वे रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने राजस्थान सरकार पर कई आरोप लगाए।

मुसलमानों को दबाते हैं और सुपर पॉवर बनने की बात करते हैं

असदुद्दीन ओवैसी ने इस रिपोर्ट के जरिए कहा कि देश का सबसे कमजोर जो वर्ग है वह दलित, आदिवासी और मुसलमान है। हम बात चीन से मुकाबले की करते हैं, हम सुपर पावर बनने की बात करते हैं लेकिन जब तक इस कमजोर वर्ग को हम ऊपर नहीं उठाएंगे हम सुपर पावर नहीं बन सकते। उन्हें उठाने के बजाय हम दबाते जा रहे हैं। हम उनके बच्चों को पढ़ने नहीं दे रहे हैं, झूठे आरोपों में जेलों में डाल रहे हैं, एनकाउंटर कर रहे हैं। तो भारत कैसे ताकतवर बनेगा। हमारी लड़ाई इसी के खिलाफ है।

जयपुर ब्लास्ट के केस में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं

ओवैसी ने कहा कि जयपुर बम ब्लास्ट केस में आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट ने बरी किया है लेकिन राजस्थान की सरकार इस फैसले को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट जा रही है। जो मुसलमानों के ठेकेदार और चौधरी बने आज बैठे हैं। वह सिर्फ और सिर्फ मौकापरस्त लोग हैं। कोर्ट ने साफ-साफ यह कहा था कि जो जांच एजेंसी है उसने ही इस मामले को सही से इन्वेस्टिगेट नहीं किया। कोर्ट ने यह नहीं कहा है कि इन्हें बेनिफिट ऑफ डाउट मिला है।

अगर ऐसा ही था तो जिन पुलिस अधिकारियों ने लापरवाही बरती, उन्हें सस्पेंड क्यों नहीं किया गया? उनकी पेंशन क्यों नहीं रोकी गई? यह सवाल सिर्फ मैं ही नहीं प्रदेश की जनता पूछ रही है और मुख्यमंत्री और कांग्रेस के मुस्लिम विधायकों को जवाब देना चाहिए।

मुसलमानों को गुलाम बना दिया

सर्वे रिपोर्ट को पेश करते हुए ओवैसी ने कहा कि जो लोग सत्ता में रहकर चले गए। उन्होंने मुसलमानों को गुलाम बना दिया है। अब राजस्थान में मुसलमानों को जमीन नहीं दी जाती। मुस्लिम समाज के सिर्फ 2 फ़ीसदी लोग ही ग्रेजुएट हैं। जबकि सबसे ज्यादा ड्रॉपआउट इसी समाज के लोग हैं। हमें रिजर्वेशन तक नहीं दिया जाता। हमें और कोई साहूलियतें नहीं दी जाती। सिर्फ और सिर्फ दबाने का काम किया जाता है।

जिन्होंने देश को प्रीमियम संंस्थाएं दी, उनका ही नाम किताबों से हटा रहे हैं

 इन सब मामलों को लेकर मैं सीएम अशोक गहलोत से बात करना चाहता हूं। अगर वह मुझे समय देंगे तो मैं इस रिपोर्ट के बारे में भी उनसे बात करूंगा। सरकार के एनसीईआरटी कोर्स में बदलाव को लेकर ओवैसी ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद जो देश के पहले शिक्षा मंत्री थे, उन्होंने देश को आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थान दिए और आज उनका ही नाम इतिहास से निकाला जा रहा है।

यह कुछ नहीं सिर्फ और सिर्फ जलन की भावना को दर्शाया जा रहा है। उन्होंने गांधी को मारा और इसलिए मारा क्योंकि वह हिंदू मुस्लिम एकता के लिए काम करते थे। अब उन्हें भी किताबों से निकाल दिया। यह तो बहुत ही शर्मिंदगी की बात है। बच्चों को कुछ पढ़ने दीजिए। उन्हें कुछ सीखने दीजिए वह खुद ही सही गलत का फैसला अपनी राय के अनुसार करेंगे।

एनकाउंटर कहां का कानून है ?

यूपी के प्रयागराज में अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर पर ओवैसी ने कहा कि मैं हमेशा एनकाउंटर के खिलाफ रहा हूं। उत्तर प्रदेश में तो अब सिर्फ रूल ऑफ गन हावी हो रहा है। वहां पर रूल ऑफ लॉ कमजोर हो रहा है। यह एनकाउंटर भी फर्जी है। जब वे एनकाउंटर ही कर रहे हैं तो कानून से जुड़े लोग क्या करेंगे। जब एनकाउंटर ही सब कुछ है तो मुझे बताइए कि गांधी जी को गोली मारने वाले का एनकाउंटर क्यों नहीं किया गया? इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को बम से उड़ाने वालों का एनकाउंटर क्यों नहीं किया गया ? संवैधानिक रूप से सजा देना कानून का काम है और उसे उसी तरह करना चाहिए। 

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