नई दिल्ली। आलू (Potato) को सब्जियों का किंग कहा जाता है। आलू एक सदाबहार सब्जी है जो हर वक्त उपलब्ध रहता है और खाया जाता है। आलू प्रति किलो की रेट के आधार पर भी सस्ता पड़ता है। 20 रुपए से ऊपर जाते ही आलू सबको महंगा लगने लगता है। लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे देश में आलू 100-200 रुपए किलोग्राम भी मिलता है। आपको विश्वास हो ना हो लेकिन यह बात सच है। दरअसल, फ्रांस में पैदा होने वाला ले बोनेटे (Le Bonnotte Price) आलू की कीमत सोने और चांदी के भाव को टक्कर देती हैं। 1 किलो आलू की कीमत में पूरे महीने भर का राशन बड़ी आसानी से आ जाता है।
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50,000 रुपए प्रति किलो ले बोनेटे का भाव
फ्रांसीसी आलू के एक किलो का भाव 50,000 रुपए है। फ्रांसीसी एक किलो आलू की कीमत में भारत में 100 क्विंटल आलू खरीद सकते हैं। यूपी और हरियाणा में आलू के भाव 5 रुपए प्रति किलो और 500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। लेकिन ले बोनोटे आलू को लोग लाइन में लगकर खरीदने को तैयार रहते हैं। यह आलू आसानी से हर किसी को ना तो मिलता है ना ही हर किसी की खरीदने की हसियत होती है। इसका कारण यह है कि दुनिया में इसका कम उत्पादन होता है। पूरी दुनिया में इस आलू का उत्पादन केवल 100 टन ही है। यह फ्रांस में उगाया जाता है, वो भी बहुत कम एरिया में।
ले बोनोटे आलू क्यों है इतना महंगा?
ले बोनोटे (Le Bonnotte) आलू की एक दुर्लभ किस्म है और इसे हर जगह नहीं उगाया जा सकता है। इसकी खेती मुख्यत: फ्रांस के द्वीप Ile de Noirmoutier में ही होती है। इस द्वीप के 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में आलू की खेती की जाती है। इसे पैदा करने में समुद्री शैवाल का इस्तेमाल किया जाता है। इसे पैदा करने में मेहनत भी बहुत लगती है। समुद्र में आती नमकीन हवा, रेतीली मिट्टी और समुद्री शैवाल इसमें अनूठा स्वाद और गुण भरते हैं। सालभर में इसका केवल 100 टन ही उत्पादन होता है।
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ले बोनोटे 90 में हो जाता है तैयार
ले बोनोटे आलू की फसल 90 दिन में तैयार हो जाती है। हालांकि, इसकी खुदाई इसके पूरी तरह से तैयार होने से पहले की कर ली जाती है। इसकी बुवाई फरवरी में होती है और मई आते-आते इसे निकाल लिया जाता है। इसका टेस्ट नमकीन होता है और इसे छीलने की जरूरत नहीं पड़ती। क्योंकि इसमें यूनिक टेस्ट और औषधीण गुण होते हैं।