Old Pension Scheme: सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, वित्त मंत्रालय ने इसकी समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अगुवाई में गठित की गई है। यह समिति तय करेगी कि सरकारी कर्मचारियों पर लागू राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के मौजूदा ढांचे में किसी तरह का बदलाव जरूरी है या नहीं।
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समिति पेंशन संबंधी मुद्दों की करेगी समीक्षा
वित्त सचिव टी वी सोमनाथन में गठित की गई समिति एनपीएस (NPS) के तहत शामिल कर्मचारियों के पेंशन लाभ में सुधार की नजर से इसे संशो धत करने पर सुझाव देगी। सोमनाथन की अगुवाई में समिति में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PERDA) के चेयरमैन बतौर सदस्य होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि वित्त सचिव की अगुवाई वाली समिति सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस के अंतर्गत पेंशन संबंधी मुद्दों पर नजर रखेगी।
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कई राज्यों में पहले ही बहाल हो चुकी है NPS
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने यह घोषणा गैर भाजपाई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना बहाल होने के बाद लिया गया है। दरअसल, कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल होने के बाद कई राज्यों में इसे बहाल करने की मांग उठी है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने के अपने फैसले के बारे में केंद्र को सूचित किया है। इन राज्यों ने केंद्र सरकार से एनपीएस के तहत इकट्ठा हुए फंड को वापस करने का अनुरोध किया है। वित्त मंत्रालय ने पिछले साल संसद में बताया था कि 1 जनवरी, 2004 के बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में ओपीएस बहाल करने के प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं कर रहा है।