वॉशिंगटन। कैलिफोर्निया की डेथ वैली में बैडवाटर बेसिन और बोलिविया में सालार डी उयूनी में नमक के रेगिस्तान पाए जाते हैं। इनमें हैरतअंगेज करने वाले पैटर्न पाए जाते हैं, जो पर्यटकों को हैरान कर देते हैं। वैज्ञानिक अभी तक इनके पीछे का कारण नहीं जान पा रहे थे। अब इंग्लैंड में नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में भौतिकी के प्रोफेसर लुकास गोह्रिंग ने कहा, ‘इस शानदार नजारे का रहस्य जमीन के नीचे छिपा है।’
24 फरवरी को प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि कैसे नमकीन पानी और कम नमकीन पानी की परतें डोनट के आकार की धाराओं में ऊपर और नीचे फैलती हैं। शोधकर्ताओं ने पिछले प्रयासों में इन पैटर्न के आकार को नहीं समझा था। इनके आकार 1 से दो मीटर तक हो सकते हैं।
मिट्टी के नीचे होता है नमकीन
पानी ये पैटर्न बुनियादी थर्मोडायनामिक्स के जरिए बनते हैं। जैसे उबलते जल में सबसे गर्म पानी ऊपर रहता है उससे ठंडा पानी नीचे रहता है। ये प्रक्रिया बेहद तेज होती है। गोह्रिग के मुताबिक इस तरह के पैटर्नमिट्टी के भीतर नमकीन पानी की धीमी गति को दिखाते हैं। ठीक उसी तरह जिससे उबले पानी में एक पतली परत बनती है। नमक के रेगिस्तान जितने सूखे दिखते हैं उतने होते नहीं है। नमक की पपड़ी के नीचे खारा पानी होता है।
कैसे बनती है आकृति
गर्मी में नमकीन पानी भाप बन कर उड़ जाता है और नमक की एक परत बचती है। इस परत का कुछ नमक साफ पानी में घुल जमीन के नीचे चला जाता है। फिर ऊपर आकर भाप बना जाता है और नमक की परत छोड़ देता है। यह प्रक्रिया लगातार चलती है, जिसे संवहन रोल कहा जाता है। एक डायग्राम के माध्यम से बताया है कि ज्यादा नमकीन पानी की परत इन आकृ तियों का किनारा बनाती है।
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