दौसा। देश और दुनिया में शाही शादी के लिए राजस्थान पहली पसंद है। राजस्थान में होने वाली शादी अपने शाही अंदाज में की जाती हैं। यहां की सभ्यता और संस्कृति दुनियाभर के लोगों को बहुत भाती है। यहां के पारंपरिक रिवाज के साथ गाने और नृत्य शादी में चार चांद लगा देते हैं। राजस्थान में पिछले दिनों हुई कई शादियों की दुनियाभर में चर्चाएं हुई। वहीं हाल ही में राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट में एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है।
इस शादी के बारे में जिसने भी सुना और देखा वह खूब तारीफ कर रहा है। यहां, हुई शादी में बारात बैलगाड़ी से दुल्हन के घर पहुंची। इस शादी को देखने के लिए आसपास के हजारों लोग पहुंचे। दौसा के लालसोट तहसील के रामगढ़ पचवारा उपखंड में बारात अनोखे अंदाज में बारात पहुंची। बारात को देखकर दुल्हन सहित आसपास के लोग हैरान रह गए। पुरानी परंपरा को फिर से देख लोगों की भीड़ जमा रही।
दरअसल, दूल्हे के पिता प्रहलाद मीणा गुजरात के अहमदाबाद में बिजनेस करते हैं। ऐसे में दुल्हन के परिवार को उम्मीद थी कि दूल्हा शानदार गाड़ियों से पहुंचेगा और बारातियों के लिए भी विशेष गाड़ियां होंगी, लेकिन जब बारात बैलगाड़ी से पहुंची तो सभी दंग रह गए।
दरअसल, रामगढ़ पचवारा क्षेत्र के अमराबाद निवासी भामाशाह प्रहलाद मीणा ने अपने बेटे विनोद की बारात बैलगाड़ियों, ऊंट व घोड़ों पर निकाली। बारात को देखकर ये शादी आसपास के इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। आजकल की चमक-धमक से दूर विनोद मीणा पारंपरिक अंदाज में ऊंट और बैलगाड़ियों से बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचे। जब बारात सड़क पर निकली तो लोग देखते ही रह गए। बारात के लिए ऊंटों और बैलों को सजाया गया।
बारात में आठ ऊंटगाड़ियां, 7 बैलगाड़ियां, 10 ऊंट और 10 घोड़ों पर बाराती सवार थे। बारात को अमराबाद से रायमलपूरा पहुंचने में तीन घंटे लगे। दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार था। साथ में डीजे बज रहा था। बाराती ऊंट गाड़ियों पर नाचते गाते हुए चल रहे थे। बता दें कि रामनवमी पर यह शादी हुई। 29 मार्च को संपन्न हुई इस शादी का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे है।
शादी में दूल्हे के परिजनों ने एक नारियल और एक रुपया लिया…
29 मार्च को अनिता पुत्री रेवड़मल मीणा की देहलाल रामगढ़ पचवारा निवासी विनोद के साथ शादी हुई। शादी में दूल्हा विनोद मीणा के परिजनों ने सिर्फ एक नारियल और एक रुपया लेकर शादी की। वहीं दुल्हन के लिए सारे जेवरात भी खुद ही लेकर आए। दूल्हे ने बताया कि हमने बिना दहेज के शादी करके युवाओं को एक संदेश दिया है। उन्होंने कहा, समाज में दहेज की बड़ी समस्या है। इस परंपरा को तोड़कर एक अच्छी शुरुआत करेंगे।
दूल्हे के पिता बोले, हमने निभाई परंपरा…
दूल्हे के पिता प्रहलाद मीणा से बैलगाड़ी पर बारात लाने को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा, पहले बैलगाड़ी पर ही बारात आती थी। हम किसान परिवार से आते हैं और किसानों के बीच पशुओं का बहुत महत्व है। पहले बैलगाड़ी पर ही बारात आती-जाती थी। समय के साथ अब सबकुछ बदल गया है। इसलिए इस परंपरा को युवाओं में वापस लाने के लिए यह पहल की है।
दुल्हन बोली, शादी में पुरानी परंपरा को फिर देखकर अच्छा लगा
वहीं दुल्हन अनिता ने कहा कि सुनते थे कि पहले के जमाने में बैलगाड़ी पर बारात आती थी। आज जब मेरी शादी में बाराती बैलगाड़ी से आए तो हमें बहुत अच्छा लगा। दूर-दूर से लोग बारातियों को देखने आए। शादी में पुरानी परंपरा को फिर से देख लोग जमकर तारीफ कर रहे है।