अजमेर आईजी के नाम से एमपी के व्यापारी को धमकाने वाला आरोपी गिरफ्तार

अजमेर। राजस्थान के अजमेर पुलिस के रेंज आईजी के नाम से भोपाल के व्यापारी को धमकाने वाले हैदराबाद तेलंगाना के आरोपी को सिविल लाइन थाना…

ajmer | Sach Bedhadak

अजमेर। राजस्थान के अजमेर पुलिस के रेंज आईजी के नाम से भोपाल के व्यापारी को धमकाने वाले हैदराबाद तेलंगाना के आरोपी को सिविल लाइन थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपी ने परिवादी व्यापारी द्वारा उसकी बहन को परेशान करने व उसे सबक सिखाने के लिए यह कदम उठाने की बात कबूली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सिविल लाईन थानाधिकारी दलबीर सिंह फौजदार ने बताया कि भोपाल निवासी हनी चुगलानी ने आईजी कार्यालय में एक शिकायत दी। जिसमें बताया कि एक व्यक्ति आईजी के नम्बर, ईमेल आईडी दिखाकर उसे शिकायत दर्ज होने का भय दिखा रहा है। परिवादी हनी चुगलानी ने आईजी ऑफिस में आकर भी शिकायत की ताईद की। जिसके बाद आईजी रूपिंदर सिंघ के निर्देश पर एएसआई सरफराज मौहम्मद ने सिविल लाइन थाना पुलिस को मामले से अवगत करवाया और मामले में रिपोर्ट भी दी। जिस पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 419 व आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले की जांच करते हुए हैदराबाद तेलंगाना निवासी आरोपी वेदांत साई पनी महेन्द्र कुमार को गिरफ्तार किया गया। मामले में अनुंसधान जारी है।

दवा कम्पनी का सैल्समेन है आरोपी
पुलिस के मुताबिक आरोपी महेन्द्र कुमार दवा कम्पनी का सैल्समेन है। आरोपी ने पूछताछ में कबूल किया कि उसकी बहन की शादी लगभग दस ग्यारह साल पहले भोपाल में हुई थी। उसकी बहन को बच्चा नहीं हो रहा था। जिससे वह परेशान रहती थी। उसकी बहन को परिवादी हनी चुगलानी समीर बनकर फोन करता था और खुद की फोटो की जगह किसी अन्य युवक की फोटो लगा रखी थी। परिवादी हनी ने आरोपी की बहन को शादी करने तक का झांसा दिया। परिवादी के अधिक फोन करने व परेशान करने से उसकी बहन के ससुराल में भी झगड़ा हो गया और उसकी बहन अपने पीहर आ गई। बहन का टूटता घर देखकर आरोपी महेन्द्र कुमार ने हनी चुगलानी को सबक सिखाने के लिए अजमेर आईजी के नम्बर व इमेल आईडी परिवादी हनी चुगलानी को भेजा था।

पुलिस की अपील
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी व्यक्ति के मैसेज से भ्रमित ना हों और ना ही किसी तरह का ट्रांजेक्शन करें। जिससे कि वह धोखाधड़ी से बच सकें। ऐसा मैसेज आने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाकर शिकायत दें, जिससे कि आरोपी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके।

( इनपुट- नवीन वैष्णव)

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