सूरत। मोदी सरनेम बयान पर सूरत कोर्ट ने गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सुनाई है। मानहानि मामले में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी भी कोर्ट परिसर में मौजूद थे। हालांकि, राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत मिल गई है। राहुल गांधी ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था। इस मामले में चार साल बाद सूरत कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इससे पहले कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
सूरत की सीजेएम कोर्ट ने सुबह 11 बजे मानहानि मामले में फैसला सुनाते हुए राहुल गांधी को दोषी करार दिया। इस दौरान कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि आप क्या कहना चाहते हैं। जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं तो हमेशा करप्शन के खिलाफ बोलता हूं। मैंने किसी के खिलाफ जानबूझ नहीं बोला है। इससे किसी को नुकसान नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई। हालांकि, कुछ देर बाद ही कोर्ट से राहुल गांधी को जमानत मिल गई।
सुनवाई के दौरान तीसरी बार कोर्ट में पेश हुए राहुल गांधी
इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। राहुल गांधी जब एयरपोर्ट से बाहर निकले तो वहां उनका स्वागत शेर-ए-हिन्दुस्तान के पोस्टरों से किया गया। कुछ पोस्टरों पर लिखा था कि कांग्रेस नहीं झुकेगी। कोर्ट पहुंचने के दौरान तीन स्थानों पर राहुल गांधी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। मानहानि के मामले राहुल गांधी इससे पहले जब केस कोर्ट पहुंचा था तब वे जुलाई, 2020 में पेश हुए थे। इसके बाद आखिरी बार अक्टूबर 2021 में कोर्ट में पेश हुए थे, तब उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।
राहुल गांधी ने दिया था ये बयान
साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा था कि सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे हैं? चाहे ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो या फिर नरेंद्र मोदी। इस पर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। पूर्णेश मोदी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी की टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय का मान घटा है।