आंसू इंसान के जीवन में अजीब चीज हैं। कभी गहरा दुख, तो कभी बहुत ज्यादा खुशी आंख में आंसू ला देती है, लेकिन माना जाता है कि इंसान जब भी भावुक होता है तो उसकी आंख में आंसू निकल जाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, आंख में आंसू कई वजह से आते हैं। वैसे, आंसू आंख को सेहतमंद बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए रोज आंखों से कुछ देर के लिए आंसू बहना आंखों के लिए अच्छा भी होता है, क्योंकि आंसू आंख में नमी बनाए रखने के लिए बहुत ही उपयोगी हैं।
दिमाग से संकेत
इसका संबंध हमारी नाक से भी होता है, क्योंकि जब आंसू ज्यादा होते हैं तो वे नाक से पानी के रूप में बहने लगते हैं। भावनात्मक आंसू और समान्य आंसू अलग-अलग होते हैं। यानी जब भी व्यक्ति भावुक होता है तो दिमाग का भावना नियंत्रण करने वाला हिस्सा उसी समय आंसुओं की ग्रंथियों को सक्रिय करने के संदेश भेज देता है और आंसू निकलते हैं। वैसे, लोगों की संवेदनशलीता पर भी आंसुओं का बहना निर्भर करता है।
आंसुओं की ग्रंथि
आंख ठीक से काम करे इसके लिए आंखों में विशेष तरह की ग्रंथियां काम करती हैं, जो आंख में जरूरत पड़ने पर आंसू लाने का काम करती हैं। सामान्य रूप से एक दिन में आधा चम्मच से भी कम के आंसू निकलना पर्याप्त है। ये ऐसा पानी होता है, जिसमें थोड़ा सा नमक मिला होता है और थोड़ा सा तेल, म्यूकस और रोगाणु मारने वाले रसायन भी होते हैं। आंसू के फव्वारे का स्विच ऑन हो जाता है जो सीधे हमारे दिमाग के उस हिस्से से संकेत लेता है जो भावनाओं को नियंत्रित करता है।
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