जयपुर। एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को पारित करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट सहित प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों में शुक्रवार को भी वकीलों ने स्वेच्छा से न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। मंत्रिमंडल उप समिति के प्रोटेक्शन बिल को 21 मार्च को विधानसभा से पारित कराने का आश्वासन देने के बाद संयुक्त संघर्ष समिति ने 13 मार्च को विधानसभा घेराव स्थगित करने का निर्णय लिया है। संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक कमल किशोर शर्मा ने बताया कि न्यायिक बहिष्कार फिलहाल 21 मार्च तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। यदि 21 मार्च को विधानसभा सेप्रोटेक्शन बिल पारित नहीं कराया जाता है तो वकील आंदोलन को जारी रखेंगे और अदालतों में पैरवी नहीं की जाएगी।
बता दें कि गुरुवार को विधि मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल उप समिति और वकीलों के प्रतिनिधि मंडल के बीच वार्ता हुई थी। इसमें निर्णय लिया गया था कि एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल राज्य सरकार की ओर से 15 मार्च को विधानसभा में पेश कर इसे 21 मार्च को बीएसी के समक्ष रखकर पारित कराने की कार्रवाई की जाएगी। दरअसल 18 फरवरी को एक वकील की दिन दहाडे़ हत्या के बाद वकील प्रोटेक्शन कानून और वकील के आश्रितों को मुआवजे की मांग को लेकर बीस फरवरी से न्यायिक बहिष्कार पर हैं।
पूनियां ने किया समर्थन
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने जयपुर में वकीलों के समर्थन में धरना स्थल पर पहुंचकर राज्य सरकार से एडवोके ट प्रोटेक्शन बिल लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा सदन में और सड़क पर पूरी मजबूती के साथ वकील बिरादरी के साथ है।दी बार एसोसिएशन, जयपुर परिवार के सदस्य और जिम्मेदार दल के मुख्य कार्यकर्ता के नाते पूरा समर्थन वकीलों के साथ है। इससे पहले गुरुवार को राज्य सरकार की मंत्रिमंडलीय उप समिति ने वकीलों के साथ चर्चा कर नया कानून बनाने का आश्वासन दिया था।