जयपुर। अक्सर कहा जाता है कि लालच बुरी बला है। कुछ लोग ज्यादा पैसे कमाने के गलत तरीका अपनाते है। हाल ही में एक सरकारी शिक्षिका को पैसों का लालच महंगा पड़ गया। सरकारी शिक्षिका पैसों के लिए अपनी दोस्त की जगह परीक्षा देने पहुंची। उसका ये प्लान पूरा होता इससे पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
ये पूरा मामला प्रदेश में चल रही तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़ा हुआ है। राजस्थान में 48,000 पदों पर हो रही शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले दिन पुलिस ने फर्जी तरीके से परीक्षा देते हुए एक महिला को गिरफ्तार किया। जयपुर के मुरलीपुरा थाना पुलिस ने संगीता विश्नोई से फर्जी आधार कार्ड और फर्जी प्रवेश पत्र बरामद किया। पुलिस की पूछताछ में बताया कि आरोपी संगिता विश्नोई रानीवाड़ा तहसील जिला जालोर की रहने वाली है। संगीता विश्नोई प्रथम श्रेणी की सरकारी शिक्षिका है। वहीं उसका पति नरेश विश्रोई भी सरकारी टीचर है। परीक्षा देने के लिए संगीता ने 15 लाख रुपए लिए थे।
पुलिस की पूछताछ में संगीता ने बताया कि वह अपनी सहेली मंजू की ओर से परीक्षा देने आई थी। मंजू भी जालौर जिले की ही रहने वाली है और सरकारी शिक्षिका है। प्रमोट होने के लिए उसने शिक्षक भर्ती परीक्षा में आवेदन दिया था।
मंजू ने रीट परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन मेन पेपर को लेकर उसकी तैयारी नहीं थी। ऐसे में उसने अपनी दोस्त संगीता से बात की। पेपर देने के लिए मंजू ने उसे 15 लाख रुपये लेकर उसकी जगह परीक्षा देने के लिए तैयार किया। इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज भी खुद तैयार करके देने को कहा। मंजू से 15 लाख रुपये ऑफर मिलने के बाद संगीता उसकी जगह परीक्षा देने को तैयार हो गई। संगीता ने इसके लिए उसने पढ़ाई भी की। मंजू का परीक्षा सेंटर जयपुर में आया।
यहां मंजू की जगह संगीता परीक्षा देने पहुंची। परीक्षा केंद्र पर दस्तावेज पूरे नहीं होने पर पुलिस ने संगीता को रोक लिया। कुछ देर बाद पूछताछ में संगीता ने पुलिस को सारी सच्चाई बता दी। पुलिस ने आरोपी शिक्षका को गिरफ्तार कर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।