नागौर। मकराना की राजनीति में काफी चर्चित रहे रेप केस में 20 साल बाद कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। नागौर की एडीजे कोर्ट ने रेप के मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। खास बात ये रही कि फैसला सुनाए जाने के वक्त पूर्व विधायक राजपुरोहित कोर्ट में व्हीलचेयर पर बैठे हुए थे। लेकिन, कोर्ट का फैसला आते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने मेडिकल चेकअप के बाद पूर्व विधायक राजपुरोहित को परबतसर जेल भेज दिया। 20 साल से मकराना की एडीजे कोर्ट में चल रहे रेप केस में 7 गवाहों के बयान हुए। पीड़िता की ओर से अपर लोक अभियोजक राममनोहर डूडी ने पैरवी की। सुनवाई के बाद एडीजे कुमकुम ने भंवरलाल को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
पुलिस के मुताबिक 1 मई 2002 को मनाना गांव की 22 वर्षीय महिला ने कोर्ट में इस्तीगासा दायर कर मुकदमा दर्ज कराया था कि वह 29 अप्रैल की दोपहर भंवरलाल राजपुरोहित के कुएं पर तो भंवरलाल ने उसे कमरे में बुलाया। इसके बाद उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने रेप के बाद उसे 500 रुपए देकर चुप रहने को कहा, लेकिन वह पैसे फेंककर आ गई। जिससे महिला प्रेग्नेंट हो गई और उसे अबॉर्शन करना पड़ा था।
मामले की जांच के बाद पुलिस ने भंवरलाल के खिलाफ चालान पेश किया। इसे बाद धीरे-धीरे मामला ठंडा पड़ गया। लेकिन, कोर्ट के संज्ञान के बाद पुलिस ने फिर से मामले की जांच शुरू की और 7 गवाहों के बयान के बाद कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 20 साल बाद 10 साल की सजा सुनाई।
रेप केस के बाद बने थे विधायक
रेप का यह मामला मकराना की राजनीति में काफी चर्चा में रहा था। उस वक्त भंवरलाल किसी पद पर नहीं थे। इससे पहले वो प्रधान रह चुके थे। रेप केस के बाद ही भंवरलाल को बीजेपी के टिकट पर मकराना से विधायक चुना गया था। हालांकि, अभी वो राजनीति में सक्रिय नहीं है। क्योंकि 5 साल पहले ही राजपुरोहित ने राजनीति से संन्यास ले लिया था।