भाजपा के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया ने असम के राज्यपाल की शपथ ले ली है। इस शपथ ग्रहण समारोह में राजस्थान भाजपा समेत कई नेता शामिल हुए। अब गुलाबचंद कटारिया के शपथ लेने के बाद एक सवाल बार-बार अपना मुंह उठा रहा है कि अब राजस्थान विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष आखिर कौन होगा। इसे लेकर हाल ही में भाजपा विधायक दल की बैठक भी हुई थी, लेकिन इस पर कोई फैसला निकल कर नहीं आया था।
उदयपुर संभाग का नेता कौन ?
कटारिया के जाने के बाद उनकी जगह को भरना भाजपा के लिए भी एक चुनौती है। कटारिया जिस सूझबूझ से विधानसभा में विपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं उसकी दाद सत्ता पक्ष भी देता है। दूसरी तरफ कटारिय़ा के असम जाने से उदयपुर संभाग में एक कद्दावर नेता की तलाश भी भाजपा को करनी होगी। कटारिया संघनिष्ठ नेताओं में राजस्थान के सबसे बड़े चेहरे है। राजनीति में उनकी ईमानदारी की मिसाल दी जाती है। गुलाबचंद कटारिया से पहले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर असम के राज्यपाल रह चुके हैं।
सदन में नेता प्रतिपक्ष..आखिर कौन?
बता दें कि अभी जगदीश मुखी असम के 30वें राज्यपाल हैं और उन्होंने 10 अक्टूबर 2017 को अपना पद ग्रहण किया था। इस हिसाब से उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसे में गुलाबचंद कटारिया को तुरंत पदभारग्रहण करना होगा। कटारिया को नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देना होगा। उदयपुर संभाग की जनता का जो नेता बेहतर तरीके के प्रतिनिधित्व कर सकता है, उसमें राजेन्द्र राठौड़, वासुदेव देवनानी और जोगेश्वर गर्ग के नाम शामिल है। तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक भी राजे का नाम आगे करेंगे।
भाजपा के लिए टेढ़ी खीर साबित होगी ये नियुक्ति
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए नियुक्ति करना भाजपा के लिए सबसे टेढ़ी खीर मानी जा रही है। इस पद की रेस में वसुंधरा राजे का नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा है, इसके बाद राजेंद्र राठौड़ का नाम सामने आ रहा है क्योंकि अभी वे उपनेता प्रतिपक्ष का पद संभाल रहे हैं।