सीएम गहलोत आज उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में पहुंचे। उन्होंने यहां जनजाति प्रतिभा सम्मेलन और शिक्षक सम्मान समारोह में शिरकत की। उनका आदिवासी संस्कृति से सूत की माला पहनाकर स्वागत भी किया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित भी किया। अपने संबोधन में उन्होंने मानगढ़ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में आने के बाद पीएम का मूड अचानक बदल गया। मैं वो राज जानना चाहता हूं, आखिर उनका मूड क्यों बदल गया था।
मानगढ़ आने से पहले फोन पर हुई थी बात
सीएम ने कहा कि जिस दिन बांसवाड़ा के मानगढ़ में प्रधानमंत्री के आने पर कार्यक्रम हुआ था। उससे पहले मेरी पीएम से फोन पर बाद हुई थी और मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने को लेकर बातचीत हुई थी। मैंने यहां तक कह दिया था कि जो बनेगा हम करेंगे बस आप इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दें। इसके बाद सीएम ने कहा कि मानगढ़ में प्रधानमंत्री पूरे मूड में आए थे। लेकिन मंच से मेरे मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग उठाने का बाद उनका मूड अचानक चेंज हो गया और उन्होंने अपने संबोधन में कह दिया कि मानगढ़ के मामले में पहले गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान पहले आपस में बात करें इसके विकास का रोडमैप तैयार करें फिर इस पर बातचीत होगी।
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री का मूड अचानक चेंज क्यों हुआ यह राज तो मुझे जानना है। आखिर फोन पर बात होने के बाद और यहां पूरे मन से आने के बाद उनका मूड क्यों चेंज हुआ यह राज तो राज ही रह गया।
महिलाओं के लिए उड़ान योजना की बुक का हुआ विमोचन
सीएम ने इस कार्यक्रम में संबोधित करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि हमारी 5 योजनाएं ऐसी हैं कि वो पूरे देश में कहीं नहीं हैं। इसमें चिरंजीवी भी शामिल है। बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज भी फ्री में किया जा रहा है। उड़ान योजना गांव की महिलाओं को काफी सहूलियतें दे रही है। हमारी सरकार बाल-गोपाल स्कीम लेकर आई है। 6 लाख बच्चों को खाने के साथ गर्म दूथ दिया जा रहा है।
सीएम ने कार्यक्रम में मौजूद छात्रों और शिक्षकों से कहा कि आप तय कर लोगे की आपके जनजाति अंचल में विकास हो तो यह जरूर होगा। जो समस्याएं हैं शिक्षा में वह भी दूर की जाएगी। उन्होंने कहा कि पानी बचाओ, बिजली बचाओ और सबको पढ़ाओ। गांधी जी ने कहा था शिक्षा के महत्व को समझना बहुत जरूरी है। अंतिम छोर पर जो व्यक्ति खड़ा है उसे शिक्षा देकर ही तरक्की के राह पर चलाया जा सकता है।