अलवर। जिले के अखेपुरा चमेली बाग स्थित कब्रिस्तान विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कब्रिस्तान को अभी बहाल नहीं किया गया अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर मेव समाज ने पूरी तरह कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एक तरफ जहां आज राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली का जन्मदिन मनाया जा रहा है। तो दूसरी तरफ मेव समाज ने आज काले झंडे हाथो में लेकर जुलूस निकालकर नंगली सर्किल पर कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली का पुतला जलाया।
पता नहीं था कि आज है टीकाराम जूली का जन्मदिन
मेव समाज ने आज कर्बला मैदान में जनसभा आयोजित की थी। जिसमें जिले भर के सैकड़ों लोग उपस्थित थे बैठक में सरकार की और जिला प्रशासन की कार्यशैली को लेकर काफी विरोध व्यक्त किया गया। पूर्व मंत्री नसरू खान ने बताया कि यह हमारी हक की लड़ाई है और जिले के नेता नकारा हो गए हैं मेव की बदौलत ही वह मंत्री बने हैं और नेता बने कब्रिस्तान बीजेपी के राज में भी नहीं बिके जो इन्होंने कब्रिस्तान बेच दिए। उन्होंने मांग की कि कब्रिस्तान को बहाल किया जाए और मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर हम गलत है तो साबित किया जाए उन्होंने बताया कि प्रशासन के अधिकारी उनकी बातों को नहीं सुन रहे हैं और आज के दिन काले झंडे निकालने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें पता नहीं था कि उनका टीकाराम जूली का जन्मदिन है।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का होगा विरोध
हमारा कार्यक्रम पहले से ही तय था इधर मेव समाज के नेता सफात मैनेजर ने बताया कि मंत्रियों का, कांग्रेस का विरोध शुरू कर दिया गया है। जहां भी मंत्री, विधायक मिलेंगे काले झंडे दिखाए जाएंगे। जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय नेताओं तक का विरोध किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि 19 दिसंबर को राहुल गांधी का कार्यक्रम है उससे पहले सरकार इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो बड़ा फैसला लिया जा सकता है। हर गुरुवार को समीक्षा होगी शुक्रवार को नई रूपरेखा के साथ आंदोलन किए जाएंगे।
कांग्रेस नेता गफूर खान ने कहा कि यह मेरे लिए पहले समाज है फिर पार्टी है। मैं कांग्रेस में हूं कांग्रेस में ही रहूंगा लेकिन जहां समाज की बात है वहां समाज पहले है इसलिए सरकार को आरोपित मंत्रियों और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और कब्रिस्तान को बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कब्रिस्तान का मामला मंत्री के कार्यालय में बैठकर ही हुआ था अब सिर्फ दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है निचले अधिकारियों को निलंबित नहीं किया गया है सरकार उनको बचाना चाहती है।