जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर डॉ सौम्या गुर्जर को आज डीएलबी यानी स्वायत्त शासन विभाग से बड़ी राहत मिली है। डीएलबी ने सौम्या गुर्जर को मेयर पद से बर्खास्त करने के मामले में नोटिस भेजा था। जिसके जवाब के लिए सौम्या को 1 सप्ताह का समय और दे दिया गया है। अब समय गुर्जर अपना जवाब 25 नवंबर तक डीएलबी को भेज सकती हैं।
सौम्या ने 30 दिनों का मांगा था समय
बता दें कि 11 नवंबर को सौम्या गुर्जर को सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसकी रिसीविंग सौम्या गुर्जर ने 12 नवंबर को मेयर पद की कुर्सी संभालने के तुरंत बाद भेजी थी। जिस पर स्वायत्त शासन निदेशालय ने सौम्या गुर्जर को 18 नवंबर यानी आज तक का समय दिया था। अब इस समय सीमा को 1 हफ्ते तक और बढ़ाकर 25 नवंबर कर दिया गया है। बता दें कि 16 नवंबर को अपना जवाब देने के लिए सौम्या गुर्जर ने करीब 30 दिनों का समय मांगा था। सौम्या गुर्जर को दिए गए कारण बताओ नोटिस में ग्रेटर नगर निगम के वार्ड संख्या 87 की सदस्यता और मेयर पद से हटाने के साथ ही अगले 6 साल तक चुनाव न लड़ने की कार्रवाई पर जवाब मांगा था।
फिर से बर्खास्त कर सकती है सरकार
वहीं कई जानकारों का कहना है कि इस कारण बताओ नोटिस से सौम्या गुर्जर को इस मामले की जांच में उनका पक्ष रखने का मौका दिया गया है। लेकिन सौम्या गुर्जर इस नोटिस के जवाब से अगर विभाग संतुष्ट नहीं हुआ तो राज्य सरकार उन्हें मेयर के पद से दोबारा बर्खास्त कर सकती है। लेकिन अगर सौम्या का जवाब संतुष्ट करने वाला होगा तो राज्य सरकार सौम्या गुर्जर को पद पर बने रहने दे सकती है।
हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला
बता दें कि ग्रेटर नगर निगम के उपचुनाव के दिन ही राजस्थान हाईकोर्ट ने सौम्या गुर्जर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया था जिसमें सरकार ने सौम्या गुर्जर को मेयर पद से बर्खास्त कर दिया था। इसी के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निगम में चल रही वोटिंग को रुकवाने समेत उपचुनाव को रद्द करने का आदेश राज्य सरकार को दिया था। जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि सौम्या गुर्जर ही अब मेयर पद पर बनी रह सकती हैं जो कि सच हुआ। आज सौम्या गुर्जर ने फिर से मेयर पद संभाल लिया है।