राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने आज चित्तौड़गढ़ में जनसुनवाई की। यहां रेहाना रियाज के पास कई महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर पहुंची, जिन पर रेहाना रियाज ने संबंधित अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए। रिहाना ने जन सुनवाई के बाद मीडिया से भी बातचीत की जिसमें उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न पर अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि महिला उत्पीड़न को लेकर साल 2021 में करीब 36 सौ मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से अभी तक 12 सौ का निस्तारण कर दिया गया है। वहीं पाया गया कि इनमें करीब 400 मामले फर्जी हैं। रेहाना ने कहा कि दिन-ब-दिन फर्जी मामलों की संख्या भी बढ़ती जा रही है जो कि एक चिंताजनक विषय है। बता दें कि पिछले दिनों भी रिहाना रियाज ने फर्जी मामलों पर चिंता जताई थी और कहा था कि फर्जी रेप केस दर्ज कराने वाली महिलाओं के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। वहीं रिहाना रियाज ने कहा था कि महिलाओं को फर्जी मामले दर्ज करवाने से पहले 100 बार सोचना चाहिए, क्योंकि जांच में गलत पाए जाने पर उन्हें कड़ी सजा मिल सकती है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट पर रेहाना रियाज का कहना है कि राजस्थान को एनसीआरबी की रिपोर्ट में सबसे ऊपर दिखाया गया है इसके कारण प्रदेश को बदनाम किया जा रहा है। यहां की सरकार महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी सुरक्षा के लिए तत्पर रहती है। दुष्कर्म के मामले इसलिए बढ़े हैं क्योंकि अशोक गहलोत सरकार ने फ्री रजिस्ट्रेशन की सुविधा करवा रखी है। जिससे इनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। जबकि दूसरे किसी राज्य में महिलाओं की तो समस्या सुनी ही नहीं जाती, ना ही उनकी रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है।
रियाज ने कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। जिसके लिए राज्य महिला आयोग घर घर जाकर हर महिला के समस्याओं को सुनने का प्रयास करेगा। इसकी शुरुआत भी कर दी गई है, जो कि उदयपुर संभाग से शुरू हुई है। रियाज ने कहा कि पूरे उदयपुर संभाग में आयोग हर जिला मुख्यालय पर जाएगा और महिलाओं को सुनेगा। पहले तो दोनों पक्षों के बीच बातचीत कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन मामला गंभीर होने पर इसे आगे बढ़ाया जाएगा। बता दें कि जन सुनवाई के दौरान रिहाना रियाज के अलावा राज्य महिला आयोग की सदस्य सुमन यादव, सचिव सत्येंद्र पाल, उप सचिव कमल सिंह यादव समेत न्यायाधीश अयूब खान भी मौजूद रहे।