राजस्थान यूनिवर्सिटी में 15 करोड़ की लागत से तैयार की जा रही सेंट्रल लाइब्रेरी का काम छह वर्ष बाद भी पूरा नहीं हुआ। लाइब्रेी को जल्द शुरू करने का दावा करते हुए चार उच्च शिक्षा मंत्री और पांच कुलपति तक बदल गए, लेकिन अभी तक लाइब्रेरी शुरू नहीं हुई। इस बीच एक लाख से अधिक स्टूडेंट लाइब्रेी में पढ़ने का इंतजार करते हुए ही अपनी डिग्रियां लेकर जा चुके हैं। जुलाई 2016 में काम शुरू होने पर लाइब्रेी को 9 महीने में भवन बनाकर तैयार करना था, लेकिन 75 माह बीतने के बाद भी शुरू नहीं हो पाई। बीते एक वर्ष से फर्नीचर और हाईटेक करने का काम शुरू नहीं हो पाया।
7 जुलाई 2016 को भाजपा सरकार में हुआ था शिलान्यास
इधर, यूनिवर्सिटी प्रशासन पूरी लाइब्रेरी किये बगैर ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भवन का लोकार्पण कराने की तैयारी कर रहा है। छह वर्ष बाद भी अधूरी लाइब्रेरी राजस्थान विश्वविद्यालय में 7 जुलाई 2016 को भाजपा सरकार में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ और कुलपति जेपी सिंघल ने स्मार्ट लाइब्रेरी के भवन का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया था। लाइब्रेरी भवन का काम शुरू होने के बाद कालीचरण सराफ, किरण माहेश्वरी, भंवर सिंह भाटी के बाद अब राजेंद्र यादव चौथे उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। वहीं, यूनिवर्सिटी में जेपी सिंघल, राजेश्वर सिंह, प्रो. आरके कोठारी, प्रो. जेपी यादव के बाद प्रो. राजीव जैन पांचवें कुलपति का पदभार संभाले हुए हैं। अभी भी लाइब्रेरी शुरू नहीं हो सकी, जबकि सभी ने अपने कार्यकाल में लाइब्रेरी शुरू करने का दावा किया था।
तीन करोड़ की लागत से हाईटेक होगी लाइब्रेरी
लाइब्रेरी को पूर्ण रूप से डिजिटल करने केलिए एमएसआर फं ड से 3 करोड़ रुपए का अतिरिक्त फं ड जारी किया गया है। 3 करोड़ के अतिरिक्त बजट से लाइब्रेरी को पूरी तरह कं प्यूटराइज किया जाएगा।इससे छात्रों को पुस्तकों की जानकारी ऑनलाइन मिलेगी। विशेष रूप से शोधार्थी विद्यार्थियों के लिए हजारों रुपए के शोध पत्र, कं टेंट निशुल्क उपलब्ध होगा। लाइब्रेरी में रखी सारी पुस्तकें ऑनलाइन होंगी, एक क्लिक करते ही कौन सी पुस्तक कहां रखी है सब जानकारी मिलेगी। इसके साथ ही लाइब्रेरी में एक हजार स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था रखी गई है।
आरयू के कुलपति के प्रोफेसर प्रो. राजीव जैन का कहना है कि लाइब्रेरी का लगभग काम पूरा हो गया है। फर्नीचर लगभग लग जाएगा। साथ ही कं प्यूटर और अन्य सामान जल्द स्थापित होंगे। सीएम से उदघाटन का समय मांगा है। जैसे ही समय मिलेगा उदघाटन कर लाइब्रेरी शुरू करेंगे।
10 लाख रुपए की लागत से की गई प्रतिमा तैयार
यूनिवर्सिटी में नई सेंट्रल लाइब्रेरी का नाम डॉ. भीम राव अम्बेडकर के नाम पर रखते हुए अंबेडकर की प्रतिमा लगाई गई है। लाइब्रेरी के बाहर 10 लाख की लागत सेतांबेजैसी प्रतिमा तैयार की गई है। यह एक वर्ष से बनकर तैयार है, लेकिन लाइब्रेरी का काम पूरा नहीं होने से इसका भी लोकार्पण नहीं हो सका।