राजस्थान विधानसभा चुनाव को अभी एक साल है। लेकिन राजस्थान से पहले गुजरात चुनाव में राजस्थान के दिग्गज नेता मशगूल हो गए हैं। आपको बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान के पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को गुजरात चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया गया। तो वहीं अशोक गहलोत को कांग्रेस आलाकमान की ओर से वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है। इस समय अशोक गहलोत गुजरात के ही दौरे पर हैं।
वहीं बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल, कैलाश चौधरी, भूपेंद्र यादव और ओम माथुर को नियुक्त किया है। गुजरात में राजस्थान का इतना क्यों दखल है, इसके लिए बता दें कि गुजरात की 50 से भी ज्यादा सीटों पर राजस्थान का सीधा प्रभाव है।
इसके लिए भाजपा ने भी मास्टरस्ट्रोक लगाया है। आगामी 1 नवंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात से सटे बांसवाड़ा के दरे पर रहेंगे। यहां वे आदिवासियों के बलिदान के प्रतीक मानगढ़ धाम में जनता को संबोधित करेंगे। बता दें, सीएम गहलोत ने मानगढ़ धाम में आदिवासियों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की थी। उस वक्त सीएम गहलोत के कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ से बीजेपी अब अलर्ट हो गई है। इसलिए अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहारे राजस्थान के आदिवासियों को साधने की जुगत में भाजपा लगी है।
बीजेपी ने इन मंत्रियों को दिया टास्क
दूसरी तरफ भाजपा ने राजस्थान से केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को गुजरात में रह रहे मारवाड़ी समुदाय से संपर्क साधने का टास्क दिया है। इसलिेए बीजेपी के नेता गुजरात में मारवाड़ी बाहुल्य इलाकों में डेरा डालकर संपर्क ना रहे हैं। हाल ही में राजस्थान से जुड़े बीजेपी के जाट नेताओं ने सूरत में जाट सम्मेलन किया था। इस सम्मेलन में राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी समेत कई जाट नेता शामिल हुए थे। दक्षिण राजस्थान से सटे एमपी के साथ ही गुजरात में भी बड़ी संख्या में आदिवासी वोटर हैं।
राजस्थान से ही निकलेगा गुजरात में जीत का रास्ता
बता दें कि गुजरात के 37 में से 23 पर्यवेक्षक राजस्थान कांग्रेस से ही बनाए गए हैं। इन पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर ही प्रत्याशियों को टिकट दिया जाएगा। राजस्थान सरकार में मंत्री बीडी कल्ला, प्रमोद जैन भाया और गोविंद राम मेघवाल सहित एक दर्जन से ज्यादा विधायकों व पदाधिकारियों को भी गुजरात चुनाव में लगाया गया है। बता दें कि सोनिया गांधी ने मई महीने में आदिवासियों के तीर्थस्थल बेणेश्वर धाम में 100 करोड़ की पुलिया निर्माण का शिलान्यास किया था। राजस्थान की आदिवासी सीटों के अलावा गुजरात और एमपी की आदिवासी विधानसभा क्षेत्र से सीधा असर होता है। क्योंकि गुजरात सीमा से डूंगरपुर और बांसवाड़ा सटे हुए हैं इसलिए ये जिले व इनकी विधानसभा सीटें गुजरात विधानसभा चुनाव में बेहद अहम हैं इसलिए बीजेपी चुनाव से पहले उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों के जरिए वहां पैठ बनाने में जुटी है।