बाल अधिकारिता विभाग, यूनिसेफ एवं पीसीसीआरसीएस के संयुक्त तत्वावधान में चलाई जा रही बाल संरक्षण संकल्प यात्रा रविवार को भावी पहुंची। यहां पंचायत सदस्यों एवं ग्रामीणों के साथ बाल अधिकारों पर संगोष्ठी कर बाल हिंसा, बाल विवाह, यौन उत्पीड़न पर चर्चा की गई। साथ ही बालिकाओं को दिए जाने वाले सैनेटरी नैपकिन तथा विद्यालयों में आत्मरक्षा के गुर सिखाने पर भी बातचीत की गई। यात्रा समन्वयक कैलाश सैनी ने कहा कि यूनिसेफ द्वारा बेटियों के लिए तैयार की गई चुप्पी तोड़ो सीरिज पर चर्चा करने व उसके समाधान निकालने पर सम्मिलित प्रयास किए जाने चाहिए।
शिक्षाप्रद फिल्म ‘डाली गांव में’ कर रही प्रभावित
चौपाल में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदर्शित की गई शिक्षाप्रद फिल्म डाली गांव में खूब सराही जा रही है। यह फिल्म बाल हिंसा के विभिन्न पहलुओंपर बारीकी से प्रहार करती है। साथ ही समस्या का निराकरण भी करती है, जो बच्चों और परिजनों को खूब पसंद आ रही है।
दिव्यांग के बच्चों को मिली पालनहार की सौगात
बाल संरक्षण यात्रा में सरकार की कल्याणकारी योजनाओ का लाभ दिलाने के लिए बाल मित्र घर घर दस्तक भी दे रहे हैं। इस दौरान भावी के हरिजन मोहल्ला के रहने वाले रूपाराम मेघवाल के घर बाल मित्रों ने जाकर चार बेटियों को पालनहार योजना की सौगात दिलाई। रूपाराम वर्ष 2004 में दिव्यांग हो गया था। प्रमाण पत्र बनने से दिव्यांग पेंशन मिलने लगी। घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है। चार बेटियां सुमित्रा 13 वर्ष, डिम्पल 12, दिव्या 4 और भूमिका ढाई वर्ष हैं। पालनहार योजना की जानकारी बाल मित्रों द्वारा दी गई और दस्तावेजों का सत्यापन कर आवेदन ऑनलाइन कराने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। बेटियों को जब पता चला कि हर महीने एक-एक हजार रुपए आएंगे तो उनके चेहरे पर खुशी झलक आई। ग्राम भ्रमण कार्यक्रम के दौरान सामाजिक सुरक्षा योजनाओ के 16 आवेदन आॅनलाइन कराने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। सरपंच सूराराम, प्रधानाचार्य ओमप्रकाश भाटी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता साधना, उप सरपंच सायर राम, पूर्व सरपंच पूनाराम सोहू के साथ बाल मित्र सोना बैरवा, सफिस्ता खान, मनजीत गुर्जर आदि मौजूद थे।
बाल संरक्षण समिति का पुनर्गठन सीताराम गुर्जर ने कहा कि बाल हिंसा व यौन उत्पीड़न के मामलों में अधिकतर जानकार लोग ही शामिल होते हैं। इसलिए बालिकाओ को गुड टच एवं बैड टच पर खुलकर बात करनी होगी। पंचायत भवन में सरपंच सूराराम की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का पुनर्गठन कर सभी उपस्थित सदस्यों का क्षमतावर्धन किया गया। दो बाल प्रतिनिधि रिंकू कुमारी व फरजाहन को सम्मिलित किया गया।
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