पीएम मोदी ने आज देश में 5G को विधिवत लॉन्च कर दिया है। एयरटेल ने 5जी सर्विस देना शुरू कर दी है और Reliance Jio ने भी दीवाली पर देश के प्रमुख महानगरों में अपनी 5जी सेवा शुरू करने की घोषणा की है। ऐसे में बहुत से लोग कंफ्यूज भी हैं कि क्या उन्हें 5G इंटरनेट काम लेने के लिए नई सिम खरीदनी होगी या उनकी मौजूदा 4G SIM से भी इस सुविधा का लाभ लिया जा सकेगा। इस संबंध में एक्सपर्ट्स की राय भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस संबंध में टेक एक्सपर्ट्स कहते हैं कि नॉन-स्टैंडअलोन 5G के लिए मौजूदा 4G सिम भी सही तरह से काम करेगी हालांकि बाद में यूजर्स को 5जी सिम लेना अनिवार्य होगा अन्यथा वे इस सुविधा का पूरा लाभ नहीं ले सकेंगे। आपको बता दें कि देश में शुरू में नॉन-स्टैंडअलोन 5G सुविधा ही दी जाएगी जो बाद में स्टैंडअलोन 5G में कन्वर्ट कर दी जाएगी।
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ऐसे में कह सकते हैं कि फिलहाल जब कंपनियां नॉन-स्टैंडअलोन 5G (SA) इंटरनेट सर्विस दे रही हैं तो यूजर्स को नई सिम नहीं लेनी होगी, वह पुरानी सिम से ही फास्ट स्पीड इंटरनेट चला सकेंगे हालांकि उनके पास 5G Smartphone अवश्य होना चाहिए। हाल ही में Airtel ने भी कहा था कि उनके यूजर्स को अपनी सिम अपग्रेड नहीं करवानी होगी, यदि वह 5जी फोन काम ले रहे हैं तो भी इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे। इस संबंध जियो और वोडाफोन आइडिया का अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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यहां समझिए स्टैंडअलोन 5G और नॉन-स्टैंडअलोन 5G में क्या है अंतर
सीधे और सरल शब्दों में कहें तो स्टैंडअलोन 5G बिल्कुल जीरो (स्क्रैच) से स्टार्ट होकर विकसित की गई नई तकनीक है जो किसी भी तरह से पुरानी तकनीक से कनेक्ट नहीं है। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी नया चाहिए और इक्विपमेंट्स भी। इसीलिए इसमें नई सिम भी चाहिए होगी। वहीं दूसरी ओर नॉन-स्टैंडअलोन 5G तकनीक रेडियो एक्सेस तकनीकों की दो जनरेशन 4G LTE और 5G पर काम करती हैं। यह 4G नेटवर्क पर ही बनी है और इसमें मौजूदा 4जी नेटवर्क को ही कुछ इस तरह से बदला जाता है कि वह 5G के बराबर स्पीड देने लगता है। ऐसे में आपको अपनी सिम बदलने की जरूरत नहीं पड़ती है।