भारत सरकार की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी सर्ट इन (CERT-IN) ने एक नए वायरस SOVA Virus को लेकर देश के सभी बैंकों तथा मोबाइल यूजर्स के लिए अलर्ट जारी किया है। एजेंसी ने कहा है कि यह बहुत ही खतरनाक वायरस है और अमरीका, रूस व अन्य यूरोपीय देशों में अब तक हजारों लोगों को अपना शिकार बना चुका है। यह वायरस खास तौर पर Android Smartphone यूजर्स के लिए घातक बताया जा रहा है।
इस तरह स्मार्टफोन यूजर्स को नुकसान पहुंचाता है SOVA Virus
रिपोर्ट्स के अनुसार यह एक ट्रोजन वायरस है और खुफिया तरीके से Android Smartphones में इंस्टॉल हो जाता है। एक बार इंस्टॉल होने के बाद इसे अनइंस्टॉल करना लगभग असंभव ही है। यह वायरस यूजर्स के फोन से उसके नेटबैंकिंग और दूसरे बैंकिंग ऐप्स की गोपनीय जानकारी और पासवर्ड को चुरा कर हैकर्स को भेजता है और बैंक खाते खाली कर देता है।
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इस वायरस के काम करने का तरीका भी बहुत ही साधारण लेकिन खतरनाक है। यह ऐप स्टोर पर मौजूद बैंकों और लोन के फेक ऐप्स के जरिए मोबाइल में इंस्टॉल होता है। यह देखने में बिल्कुल ओरिजनल ऐप्स की ही तरह दिखाई देता है अतः इसकी पहचान करना मुश्किल है।
यह असली ऐप्स जैसे दिखने वाले फर्जी ऐप्स की शक्ल में आता है और एक बार इंस्टॉल होने के बाद यूजर की पूरी डिटेल चुरा लेता है। सबसे ज्यादा यह क्रिप्टो ऐप्स और ऑनलाइन शॉपिंग ऐप्स के फेक वर्जन के जरिए आता है। माना जा रहा है कि अब तक दुनिया भर में इस वायरस ने 200 से ज्यादा फर्जी बैंकिंग ऐप्स तैयार किए हैं जिनके जरिए यह स्मार्टफोन पर अटैक करता है।
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पहली बार जुलाई 2022 में आया था भारत में
एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वायरस अपने आप को अपग्रेड भी कर रहा है और अब तक 5 बार खुद को मोडिफाई कर चुका है। इस वायरस को पहली बार सितंबर 2021 में डिटेक्ट किया था, भारत में इस वायरस का पहला अटैक इसी वर्ष जुलाई में दर्ज किया गया। इस वायरस को लेकर बैंकों ने भी अपने-अपने ग्राहकों को चेतावनी दी है और किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने के पहले उसकी सही तरह से जांच-परख करने का आग्रह किया है।