India-China LAC Tension : पूर्वी लद्दाख में LAC के गोगरा हॉटस्प्रिंग इलाके से अब चीनी सैनिक पीछे हटने लगे हैं, पिछले दो दिनों से यह विषय पूरे देश में चर्चाओं के बाजार को गर्म कर रहा है। अब आज विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान जारी किया है जिसमें उबटाया गया है कि 12 सितंबर तक इस संवेदनशील इलाके से सैनिक पूरी तरह से वापसी कर लेंगे। यानी तीन सालों बाद आखिर वो वक्त आ ही गया जब चीनी सैनिकों को पीछे हटने को मजबूर होना ही पड़ा।
बीते दिन भारत और चीन ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया था जिसमें कहा गया था कि 16 वें दौर की बातचीत के बाद यह सहमति बनी है इसके आधार पर दोनों देशों के (India-China LAC Tension) सैनिक गोगरा-हॉटस्प्रिंग इलाके से पीछे हटेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों देशों में सहमति बनी है कि इस क्षेत्र में जो भी अस्थाई और कई बुनायदी ढांचे सैनिकों ने बनाए हुए हैं वे भी नष्ट किए जायेंगे ताकि दोबारा किसी तरह की यहां पैठ न बनाई जा सके। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि दोनों देशों के बीच जो ये समझौता हुआ है उसका पालन हर हाल में करना है और यथास्थिति को बनाए रखना है। इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जायेगा।
सुनिश्चित हो मई 2020 से पहले वाली स्थिति
रिपोर्ट्स के मुताबिक कई दौर की वार्ता के बाद आखिर यह समझौता 17 जुलाई 2022 को चुशूल मोल्डो की मीटिंग में हुआ जब दोनों देशों के कोर कमांडर्स ने बैठक में इस बारे में बातचीत की। गौरतलब है कि जून 2020 में गलवान घाटी की घटना के बाद चीन (India-China LAC Tension) ने लंबे समय तक आक्रामक रुख अपना रखा था। वह संबंधों को सामान्य बनाने की बात तो करता था लेकिन सीमा विवाद को परे रखकर, जो की मुमकिन नहीं था। यह भारत के लिए भी बेहद जरूरी है कि वह LAC पर मई 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल कराए। हालांकि अभी चीनी सैनिक वापस तो जा रहे हैं लेकिन चीन से सतर्कता बनाए रखनी होगी। क्योंकि चीन की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है।
सीमा से वापसी लेकिन सतर्कता जरूरी
इसमें सबसे अहम यह है कि जब तक दोनों देशों के बीच का यह सीमा विवाद नहीं सुलझ जाता तब तक भारत को वन चाइना पॉलिसी पर प्रतिबद्धता नहीं दिखानी चाहिए। क्योंकि अगर चीन गोगरा-हॉटस्प्रिंग (India-China LAC Tension) से पीछे चला गया तो उसका मतलब नहीं की वह भरोसे के काबिल हो गया। क्योंकि सीमा पर भारत जैसा चाहता है उसे अभी वह मिला नहीं है। गोगरा हॉटस्प्रिंग के अलावा सीमा के कई ऐसे इलाके हैं जहां चीन अपनी पैठ जमा चुका है। इसलिए देश को चीन से और सीमा पर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।
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