इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा। योजना के तहत जॉब कार्डधारी परिवार को 100 दिवस का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध करवा जाएगा। इसमें जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं। योजना में पंजीयन जन आधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है। एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है।
जिन परिवारों के जन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं हैं, वे ई-मित्र या नगरपालिका सेवा केंद्र पर जन आधार के लिए आवेदन कर उसके क्रमांक के आधार पर जॉब कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे। योजना में आवेदन ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क किया जा सकता है। आवेदन करने के पश्चात 15 दिन में रोज़गार उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है। पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारी के खाते में किया जाएगा। योजना के लिए राज्य सरकार ने एक वेब पोर्टल भी शुरू किया है।
क्रियान्वयन के लिए समितियां गठित
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 2 हजार 569 विभिन्न पदों पर कार्मिकों की नियुक्ति की जा चुकी है। साथ ही सभी निकायों के संबंधित कार्मिकों एवं ई-मित्र संचालकों का प्रशिक्षण पूर्ण करवाया जा चुका है। राज्य सरकार का प्रयास है कि इस योजना का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो। इसके लिए राज्य, संभाग, जिला एवं निकाय स्तर पर समितियों का गठन भी कर दिया गया है। योजना की सतत मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी।
योजना में हो सकेंगे यह कार्य
योजना में श्रम एवं सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75ः25 में निर्धारित किया गया है। विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत तथा तकनीकी विशेषज्ञों एवं कुशल श्रमिकों हेतु पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25ः75 हो सकेगा। योजना में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटशे न, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, कन्वर्शजेन कार्य, हेरिटेज संरक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकें गे।
अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार जॉब कार्ड जारी
योजना में अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार से अधिक जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इनके माध्यम से पंजीकृ त सदस्यों की कुल संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है। समस्त 213 निकायों में 9 हजार 593 कार्य चिह्नित किए गए हैं और सभी नगरीय निकायों का बजट भी आवंटित कर दिया गया है। चिह्नित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रुपए है। लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है।
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