Rajasthan Politics : प्रदेश में विधानसभा चुनाव से सवा साल पहले ही कई तरह के राजनीतिक समीकरण सामने आ रहे हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दोनों विधायकों राजकुमार रोत और रामप्रसाद डिंडोर ने सोमवार को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय जाकर नई राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दे दिया। यह दोनों विधायक राष्ट्रपति और राज्यसभा चुनाव में बीटीपी की व्हिप के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशियों को वोट दे चुके हैं।
गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान भी यह दोनों विधायक कांग्रेस खेमे में नजर आए थे। दोनों विधायकों ने पीसीसी में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी से मुलाकात की।
छात्रसंघ चुनाव में भी दर्ज कराई प्रत्याशियों ने जीत
PCC जाने और डोटासरा के साथ चर्चा करने बाद राजनीतिक हलकों में तेजी से कयासों के दौर चल पड़े। हालांकि बाद में रोत ने ट्वीट किया कि विधानसभा क्षेत्र चोरासी व सागवाड़ा के विकास कार्यों को लेकर सांसद प्रमोद तिवारी तथा डोटासरा से मुलाकात की। डिंडोर डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा और रोत चोरासी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इन इलाकों में हाल ही में हुए छात्रसंघ चुनाव में भी बीटीपी की छात्र इकाई के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी।
पार्टी से चल रहे अलग हट कर
BTP के दोनों विधायक लम्बे समय से अपनी पार्टी से इतर चल रहे हैं। राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायक रोत ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए यहां तक कह डाला था कि शायद बुढ़ापे के कारण वह चीजों को समझ नहीं पाते हैं। जून में प्रदेश की चार राज्यसभा की सीटों के लिए हुए मतदान में दोनों विधायकों ने पार्टी के व्हिप के खिलाफ सत्तारूढ़ कांग्रेस के उम्मीदवारों का समर्थन किया। जबकि, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने अपने विधायकों से चुनाव प्रक्रिया में भाग नहीं लेने को कहा था।