Rajasthan : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुरुवार को हाड़ौती के बाढ़ग्रस्त इलाकों के हवाई दौरे पर रहे। गहलोत ने कोटा में बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच जाकर उनसे संवाद किया। वहीं राजे ने झालावाड़ में आपदा का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राथमिकता के साथ राहत पहुंचाने का कार्य किया जाए। उन्होंने आश्रय स्थलों पर की जा रही व्यवस्थाओं को जल निकासी तक जारी रखने के निर्देश दिए। गहलोत शुक्रवार को धौलपुर व करौली जिले में अतिवृष्टि प्रभावित इलाकों का सर्वे करेंगे और प्रभावित लोगों से मिलेंगे।
सीएम गहलोत ने प्रभावित परिवारों से की मुलाकात
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक सूझ-बूझ से जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में कोई जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों से रूबरू होकर जल भराव से उत्पन्न स्थिति और आश्रय स्थल पर की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने प्रभावित परिवारों को विश्वास दिलाया कि उनके नुकसान का सर्वे कराकर आपदा राहत नियमों के अनुसार त्वरित रूप से सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री के साथ चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया, विधायक रामनारायण मीणा और भरत सिंह ने हेलिकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने कोटा शहर में चम्बल नदी के आस-पास के क्षेत्रों, सांगोद, ईटावा, दीगोद व कनवास क्षेत्र में जल भराव स्थलों का सर्वे किया।
सरकार में बयानों के अलावा के कुछ नहीं हो रहा: पूर्व मुख्यमंत्री राजे
पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजे ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय जब भी कोई आपदा आती है बयान निर्देश और दौरों से आगे कुछ नहीं होता। गत वर्ष बाढ़ में जो खराबा हुआ, वह इसका प्रमाण है। प्रदेश के कई लोगों को गत वर्ष बाढ़ में हुए नुकसान का अब तक भी मुआवजा नहीं मिला। किसान बाढ़ में पिछले साल हुई फसलों की तबाही अभी भूले भी नहीं थे कि फिर खरीफ की कई फसलों में भारी बर्बादी ने उन्हें रुला दिया। उनके साथ सांसद दुष्यंत सिंह भी थे। पूर्व सीएम ने कहा है कि किसी भी पीड़ित के आंसू तत्काल पोंछे जाते है, न कि सालों बाद। जबकि यह सरकार तो समय निकल जाने के बाद भी पीड़ित के आंसू नहीं पोंछती। अगर जरूरत के वक्त मदद नहीं कर पाए तो वह कैसी सरकार।
742 लोगों काे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
इस बीच वायुसेना और एसडीआरएफ की टीम ने गुरुवार को 742 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। आपदा प्रबंधन व राहत विभाग के सचिव आशुतोष पेडनेकर ने बताया कि बचाव अभियान चलाकर धौलपुर, कोटा और करौली में 642 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। 10 लोगों को वायुसेना के हेलिकॉप्टर से धौलपुर से निकाला गया। राज्य के अन्य हिस्सों में 100 अन्य लोगों को बचाया गया। प्रदेश में गुरुवार को बारिश का दौर थमा रहा।