Bilkis Bano Case : बहुचर्चित बिल्किस बानो मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार ने बिल्किस बानो के दोषियों को रिहाई के निर्देश को अब चुनौती दी गई है। गुजरात सरकार ने बिल्किस (Bilkis Bano) के आरोपियों को उनके अच्छे आचरण को लेकर उन्हें स्वतंत्रता दिवस के दिन रिहा करने का आदेश दिया था। यही नहीं रिहा होने के बाद इन आरोपियों का फूल-मालाओं और गाजे-बाजे के साथ भव्य स्वागत किया था।
इस कृत्य पर पूरे देश में कड़ी आलोचना हुई थी। दूसरी तरफ इतने जघन्य अपराध के आरोपियों को जेल में उनके ‘अच्छे’ आचरण पर रिहाई देने पर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं। विपक्ष और कांग्रेस तो इस मुद्दे को लेकर गुजरात सरकार (Gujarat Govrenment) को लगातार घेर रही है। वहीं मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। बीती 22 अगस्त को मानवाधिकार आयोग ने इस मामले पर चर्चा भी की थी, लेकिन उनकी तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था।
बता दें कि यह मामला 2002 के गुजरात दंगों के दौरान का है। दंगाइयों से बचने के लिए 5 महीने की गर्भवती बिल्किस बानो (Bilkis Bano) अपने परिवार के साथ घर से भाग रही थीं। तभी 20 से 30 लोगों ने बिल्किस बानो और उनके परिवार के ऊपर लाठियों से हमला कर दिया था। उस वक्त बिल्किस बानो सिर्फ 20 साल की थीं। दंगाइयों ने गर्भवती बिल्किस बानो और उनके साथ परिवार की 4 महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया। दंगाई यहीं नहीं रुके उन्होंने बिल्किस की तीन साल की बेटी समेत परिवार के 7 लोगों की बेरहमी से हत्या तक कर दी थी। इसी मामले में 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने अपनी माफी नीति के तहत गोधरा जेल से रिहा कर दिया है।