Diwali Air Pollution: देशभर में दीपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया गया और लोगों ने जमकर आतिशबाजी भी की. जयपुर सहित अधिकांश जिलों में मनाई गई दीपावली त्योहार के दौरान हुई आतिशबाजी से प्रदूषण का लेवल काफी उच्च स्तर पर पहुंच गया है. जिससे की हवा भी प्रदूषित हो गई जिसके कारण सांस लेना भी आसान नहीं है.
आतिशबाजी करने को लेकर बनाए गए थे नियम
दिवाली पर जिस तरीके से आतिशबाजी की जाती है, उसी तरीके से आतिशबाजी हुई. हालांकि जिला प्रशासन ने ग्रैप की पाबंदियों के बीच आतिशबाजी में ग्रीन पटाखे जलाने के निर्देश दिए. लेकिन इन सबके बावजूद प्रशासन के आदेश की धज्जियां उड़ाई गईं और ये आदेश महज कागजों तक सीमित होकर रह गए.
खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा प्रदूषण का स्तर
हालांकि जिला प्रशासन गंधक-पोटाश से बनी आतिशबाजी पर पूरी तरीके से रोक का दावा कर रही थी, लेकिन यह रोक काफी नहीं थी. लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और आतिशबाजी ऐसी ही नहीं जमीन पर चलने वाली आतिशबाजी हवा में ऊपर उठकर बम फूटने वाली आतिशबाजी जो सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हुई.
प्रदूषण रोकने के दावे कागजों तक सीमित
प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण विभाग ने पाबंदियां लगाई हुई है, जिसमें खास तौर से निर्माण, सड़कों पर धूल न उड़े इसके लिए कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. लेकिन आम जन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हैं, वह आदेश निकलने के अलावा कोई काम नहीं करते है. हालांकि आतिशबाजी को लेकर जिला प्रशासन ने यह दावा किया था कि जिस क्षेत्र में सबसे ज्यादा आतिशबाजी होगी या वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा होगा. वहां संबंधित इलाके के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. लेकिन इस बात का कोई असर दिखाई नहीं दिया, सिर्फ यह दावे सिर्फ कागजों में ही रहे.