Rajasthan By Election News: राजस्थान उपचुनाव में 7 सीटों के लिए लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस और बीजेपी में बगावत का दौर भी देखने को मिला. हालांकि बीजेपी तो बागियों को मनाने में कामयाब हो गई, लेकिन कांग्रेस के लिए देवली-उनियारा में बागी नेता नरेश मीणा ने टेंशन बढ़ा रखी है. उनकी दावेदारी के साथ ही देवली-उनियारा उपचुनाव में एक नया मोड़ आ गया है. इस बीच नरेश मीणा का “5 पांडव” वाला एक पोस्टर वायरल हो रहा है. जिसमें वह राजकुमार रोत, हनुमान बेनीवाल, रविंद्र सिंह भाटी और चंद्रशेखर आजाद के साथ दिखाया गया है. इस पोस्टर के जरिए उन्होंने बीएपी, आरएलपी और आजाद समाज पार्टी के साथ रविंद्र सिंह भाटी से भी चुनाव में समर्थन मांगा है.
हनुमान बेनीवाल ने दिया समर्थन
नामांकन दाखिल करने के बाद नरेश मीणा ने आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल से मुलाकात की, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है. जिसमें हनुमान बेनीवाल ने नरेश मीणा का समर्थन किया है, साथ ही देवली उनियारा विधानसभा सीट से आरएलपी के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि नरेश मीणा का साथ दे और चुनाव जितवाए.
रविंद्र सिंह भाटी ने समर्थन के दिया संकेत
नरेश मीणा की अपील से बात शिव विधानसभा से विधायक और युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी भी मीडिया से बातचीत करते हुए नरेश मीणा को समर्थन देने के संकेत दिए हैं साथ ही कहा है की जरूरत पड़ने पर बड़ी सभा की कर सकते हैं.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता के भाई ने भी दिया
समर्थन गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके प्रताप सिंह के भाई करण सिंह भी अब नरेश मीणा के पक्ष में उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति को स्वच्छ रखने राष्ट्रवाद को सुरक्षित करने के लिए नरेश मीणा जैसे नेताओं को लाना होगा. उन्होंने कहा कि नरेश मीणा को जिताना जरूरी है. राजनीति में नरेश मीणा जैसे युवा नेता कम है, इन्हें प्रोत्साहित करते हुए आगे लाना चाहिए. ऐसे युवा राजनीति को स्वच्छ करने का काम करने वाले हैं. पूर्व मंत्री प्रताप सिंह के भाई करण सिंह के इस बयान के बाद अब सियासी गलियारों में जमकर हलचल मच गई है.
कांग्रेस की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
दरअसल, हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद खाली हुई देवली सीट से कांग्रेस ने कस्तूर मीणा को मैदान में उतारा है. नरेश मीणा यहीं से टिकट मांग रहे थे. लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. अब बगावत के बाद उन्होंने कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है. पार्टी के वोट बैंक में सेंधामारी की स्थिति में कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.