रींगस से खाटूश्याम जी तक बन रहा रेलवे ट्रेक, मैपिंग के दौरान रेलवे के अधिकारियों पर धांधली का आरोप, जानिए क्या है पूरा मामला

जयपुर। विश्व प्रसिद्ध श्याम जी मंदिर में भक्तों की सहूलियत को लेकर रेल मंत्रालय ने खाटूश्याम जी रेलवे स्टेशन बनाने का काम शुरू कर दिया…

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जयपुर। विश्व प्रसिद्ध श्याम जी मंदिर में भक्तों की सहूलियत को लेकर रेल मंत्रालय ने खाटूश्याम जी रेलवे स्टेशन बनाने का काम शुरू कर दिया है. रेल विभाग के अधिकारियों द्वारा रींगस से खाटूश्याम जी तक ट्रैक बिछाने की मैपिंग की जा रही है. इस मैपिंग के जरिए अधिकारी रेलवे ट्रैक के अनुसार भूमि का अधिग्रहण कर रहे हैं. आपको बता दे कि अभी खाटूश्याम जी में ट्रेन की सुविधा नहीं है. श्रद्धालु अभी रींगस रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर कार या पैदल चलकर खाटूश्याम जी पहुंचते हैं.

इधर, खाटूश्यामजी और उसके आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने रेलवे के अधिकारियों द्वारा ट्रैक की मैपिंग कर भूमि का अधिकरण करने में धांधली का आरोप लगाया है. इसको लेकर ग्रामीणों ने दांतारामगढ़ उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन कर एसडीएम को रेल मंत्रालय ने नाम ज्ञापन दिया हैं.

ये है पूरा मामला

केरपुरा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि खाटूश्यामजी रेलवे स्टेशन व ट्रैक के निर्धारित स्थान को छोड़कर महज 50 मीटर आगे भूमि स्थानांतरण की प्रकिया में रेलवे बोर्ड के भ्रष्ट अधिकारियों व कुछ स्थानीय भू माफिया की मिली भगत की जा रही है. सांसद व विधायक ने भी रेल मंत्री को ज्ञापन दिया है. रेलवे बोर्ड के अधिकारियों व भू माफिया द्वारा मेला ग्राउंड से रेलवे स्टेशन की दूरी महज 50 मीटर बताई गई. इसके कारण मेले के दौरान भगदड़ होने की संभावना बताई गई. जबकि मेला ग्राउंड से रेलवे स्टेशन की वास्तविक दूरी 1.5 किलोमीटर है.

ग्रामीणों ने बताया कि रेल्वे स्टेशन व ट्रैक को मात्र 50 मीटर आगे खिसकाने का कोई औचित्य नहीं है. यह कार्रवाई केवल कुछ भू माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए की जा रही है. 20 सितंबर को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों द्वारा बिना किसी सार्वजनिक सूचना के केरपुरा व खाटूश्यामजी के क्षेत्र के नए खसरा नंबरों को चिंहित किया गया. केरपुरा व खाटूश्यामजी निवासियों ने नए खसरा नंबरों को चिन्हित करने पर विरोध किया गया.

किसानों के घर व उनकी कृषि भूमि में होगा भारी नुकसान

इस दौरान मौके पर आए रेलवे अधिकारियों को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया गया. वहीं स्थानीय लोगों के मकानों व उनकी कृषि भूमि में भारी नुकसान हो रहा हैं. ग्रामीणों ने मांग की है कि भारत सरकार रेल मंत्रालय द्वारा अधिसूचना के अनुसार निर्धारित रेलवे ट्रैक व रेलवे स्टेशन को निर्धारित स्थान पर ही बनवाया जाए.