SDM Priyanka Bishnoi: देश ने आज एक होनहार अफसर को खो दिया। ऑपरेशन के बाद 15 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद जोधपुर की एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की मौत हो गई। उनकी मौत से जहां उनका परिवार सदमे में है, वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल भी बेहद दुखी हैं।
परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
परिजनों ने ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया तो जिला कलेक्टर ने निजी अस्पताल के खिलाफ जांच के आदेश दिए, लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले ही प्रियंका की मौत हो गई। प्रियंका ने बुधवार देर रात अहमदाबाद के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें 5 सितंबर को गर्भाशय में गांठ के ऑपरेशन के लिए जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां ऑपरेशन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई, तो परिजन उन्हें 7 सितंबर को अहमदाबाद ले गए, जहां बीती रात उनकी मौत हो गई।
डॉक्टरों ने आरोपों से किया इनकार
परिजनों ने दावा किया है कि ऑपरेशन के दौरान दिया गया एनेस्थीसिया गलत था। परिजनों का कहना है कि वसुंधरा अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मामले की सही जानकारी भी नहीं दी। दूसरी ओर, वसुंधरा अस्पताल और प्रियंका की सर्जरी करने वाले डॉक्टरों ने आरोपों से इनकार किया है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने सर्जरी के दौरान उसे अधिक एनेस्थीसिया दिया, जिससे आंतरिक रक्तस्राव भी बढ़ गया, लेकिन डॉक्टरों ने परिजनों को इस बारे में नहीं बताया और उसे रेफर कर दिया।
सीटी स्कैन में भी तनाव की बात आई सामने
इस आरोप को नकारते हुए डॉक्टरों ने अपने बयान में कहा कि सर्जरी के दौरान कोई जटिलता नहीं थी, लेकिन टेस्ट के दौरान उनके दिमाग में एक समस्या का पता चला था, जिसके बढ़ने पर खतरनाक और जानलेवा होने की संभावना थी, प्रियंका के मामले में भी यही समस्या आई। सर्जरी से पहले ही प्रियंका तनाव में थी। ऑपरेशन के डर से वह तनाव में आ गई और सीटी स्कैन में भी तनाव का पता चला। डॉक्टरों द्वारा कोई लापरवाही नहीं की गई है।