Jeen Mata Mandir: प्रसिद्ध शक्तिपीठ जीण माता मंदिर का संचालन करने वाले ट्रस्ट के खिलाफ जीण माता थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. मंदिर ट्रस्ट पर यह मुकदमा जीण माता और हर्ष भैरव के पूर्वज (बत्तीसी संघ) ने दर्ज कराया है. संघ ने ट्रस्ट के खिलाफ अनेक कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आपको बता दे कि पहले भी बत्तीसी संघ ने कई बार मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ प्रदर्शन किया है.
बिना राजकीय आदेश के तोड़ा विश्राम स्थल
बत्तीसी संघ ने सच बेधड़क से बात करते हुए बताया कि जीण माता मंदिर ट्रस्ट ने अपनी मनमानी करते हुए बत्तीसी संघ के द्वारा बनाए गए विश्राम स्थल तोड़ दिए गए हैं. मंदिर ट्रस्ट ने बिना हमारी अनुमति के यह सब कुछ किया है. इसके अलावा विश्राम स्थल को तोड़ने के लिए कलेक्टर या एसडीएम के द्वारा भी हमें कोई नोटिस नहीं मिला है. जीण माता के पूर्वज बत्तीसी संघ का कहना है कि “कुछ स्थानीय लोग और मंदिर ट्रस्ट के द्वारा हमारी मंदिर में बढ़ती सक्रियता को रोकने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया है”.
एसडीएम ने कहा मामले की होगी जांच
बत्तीसी संघ के द्वारा जीण माता मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ मुकदमा करने के बाद जीणमाता थानाधिकारी मनोज कुमार यादव ने जांच शुरू कर दी गई है.वहीं दांतारामगढ़ एसडीएम गोविंद भींचर का कहना है कि जीण माता क्षेत्र फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधीन आता है. हमारे कार्यालय के द्वारा इस संबंध में कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया. मामले की जांच करवाई जाएगी.
मंदिर ट्रस्ट के खिलाफ कार्रवाई की मांग
जीण माता के वंशज बत्तीसी संघ ने पुलिस प्रशासन से जीण माता मंदिर ट्रस्ट के पुजारी पर कार्रवाई करने और जिस जगह पर बत्तीसी संघ के विश्राम स्थल तोड़े गए हैं उन्हें मंदिर ट्रस्ट द्वारा वापस बनाए जाने की मांग की है
मंदिर संचालन की जिम्मेदारी संघ ने ट्रस्ट को दी थीं
बत्तीसी संघ एक समुह है जिसके मुख्य सदस्य खुद को मां जीण भवानी के वंशज बताते हैं. जानकारी के अनुसार मां जीण भवानी मंदिर की देखरेख की जिम्मदारी बत्तीसी संघ ने ट्रस्ट को दे रखी है. ट्रस्ट के सदस्य ही माताजी की पूजा अर्चना करते हैं. नवरात्रि के समय बत्तीसी संघ समूह के साथ माताजी के मंदिर में आता है और पूजा अर्चना करता है. उनके रुकने के लिए अलग-अलग विश्राम स्थल बनाए गए हैं, जिन्हें जीण माता मंदिर ट्रस्ट ने तोड़ दिया है.