संतो और शिष्यों की आखें हुई नम, चल रहा संकिर्तन
जयपुर- राजस्थान के प्रख्यात संतों में प्रसिद्ध सीकर जिले के रैवासा धाम के पीठाधीश्र्वर राघवाचार्य महाराज का आज सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। बतादें की महाराज को बाथरूम में दिल का दौरा पड़ा, इसके बाद वहां से उन्हें सीकर लाया गया जहां चिकित्सकाें ने जांच कर उन्हें मृत घोषित कर दिया। महाराज के निधन के समाचार सुनकर संत समाज में शोक कि लहर छाई हुई है। राघवाचार्य महाराज के निधन की खबर सुनकर हवामहल विधायक व हथोज धाम के पीठाधीश्वर महाराज बालमुकुंद आचार्य भी सीकर के रैवासा धाम पहुंचे जहां उन्होने राघवाचार्य महाराज के पार्थिव देह पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। महाराज के पार्थिव देह को मला से सजाकर रखा हुआ है। जहां संतों और महाराज के शिष्यों द्वारा भजन कीर्तन किया जा रहा है।
कल सुबह नगर भ्रमण के बाद होगा अंतिम संस्कार
बालमुकुंद आचार्य ने बताया कि महंत की अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार शनिवार को होगा। जानकारी के अनुसार जानकीनाथ बड़ा मंदिर से रैवासा गांव में सुबह 7 बजे से अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा मंदिर की गौशाला में सुबह करीब 9 बजे पहुंचेगी जहां पीठाधीश्वर की पार्थिव देह रखी जाएगी और पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
500 साल पुराने जानकीनाथ मंदिर के थे पीठाधीश्वर
महाराज राघवाचार्य महाराज सीकर के रैवासा स्थित ऐतिहासिक जानकीनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर थे। यह मंदिर 1570 में स्थापित हुआ था और इसे वैष्णव संप्रदाय की प्राचीनतम पीठों में से एक माना जाता है। महाराज के नेतृत्व में इस पीठ से मधुर उपासन और कई धार्मिक गतिविधियों का प्रसार हुआ।