Rajasthan Loksabha Election 2024: राजस्थान में लोकसबा चुनावों के लिए पहले चरण में 12 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है और दूसरे चरण की 13 सीटों के लिए बीजेपी-कांग्रेस दोनों दलों के दिग्गजों ने प्रचार अभियान में ताकत झोंक रखी है. अभी तक हुए मतदान में कई सीटों पर कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है. वहीं पूर्वी राजस्थान की दौसा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच की सीधी फाइट ने सूबे में चुनाव को रोचक बना दिया है. दौसा में कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा और बीजेपी कन्हैयालाल मीणा मैदान में है लेकिन चुनाव सचिन पायलट और किरोड़ी लाल के बीच बंध गया.
दरअसल पूर्वी राजस्थान की दौसा सीट पायलट परिवार की पारंपरिक सीट रही है तो किरोड़ीलाल मीणा के इस बार वर्चस्व की लड़ाई है. हालांकि वोटिंग के बाद जानकारों का कहना है कि दौसा सीट पर इस बार किरोड़ीलाल का पेंच फंसता हुआ लग रहा है.
मालूम हो कि सचिन पायलट ने चुनावों से पहले दौसा में धुंधाधार प्रचार किया था. वहीं किरोड़ीलाल मीणा ने भी दौसा में पूरा जोर लगाया था हालांकि वोटिंग से पहले उनके दिए कुछ बयान उनके खिलाफ जा सकते हैं क्योंकि सूबे में चुनाव जातिगत चला गया है ऐसे में दौसा सीट पर मीणा के अलावा गुर्जर वोटर्स भी निर्णायक भूमिका में है.
गुर्जर वोट कर सकते हैं दौसा में खेल!
बता दें कि 2018 में गुर्जर मतदाताओं ने एकतरफा होकर सचिन पायलट के साथ वोट दिया था हालांकि चुनावों से पहले पायलट के सीएम बनने की हवा थी लेकिन इसके बाद 2019 में गुर्जर मतदाता कांग्रेस से छिटक गए थे और पूर्वी राजस्थान में गुर्जर मतदाता बीजेपी की ओर शिफ्ट हो गए थे.
वहीं इस बार के लोकसभा चुनावों में दौसा में गुर्जर कार्ड का बखूबी इस्तेमाल किया गया जिसके बाद माना जा रहा है कि दौसा में सियासी समीकरण बदल सकते हैं. वहीं दौसा लोकसभा सीट सहित राजस्थान भर में 12 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद आंकड़े कहते हैं कि मतदान का प्रतिशत 55.69 रहा जो पिछली बार से कम माना जा रहा है.
किरोड़ीलाल ने लगाया पूरा जोर!
वहीं दौसा सीट की जिम्मेदारी इस बार बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को दी जिन्होंने ने इस बार दौसा पर पूरा ध्यान दिया और लगातार जनसभाएं की. हालांकि किरोड़ी की एक सभा को लेकर काफी चर्चा रही जहां बस्सी में आयोजित एक सभा में किरोड़ी लाल मीणा नाराज होकर मंच छोड़कर चले गए.
इसके अलावा किरोड़ी लाल ने आरक्षण और संविधान के मसले पर भी एससी एसटी वोटर्स के बीच जमकर जोर लगाया. गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सचिन पायलट के गढ़ में सेंध लगाई थी जहां बीजेपी को 5 में से 4 सीट मिली और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत हासिल की थी.