Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान में बांसवाड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस के जी का जंजाल बनी हुई है। यहां कांग्रेस खुद के कंडीडेट के खिलाफ ही प्रचार-प्रसार करती दिखेगी। खास बात यह है कि बांसवाड़ा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। लोकसभा चुनावों के 72 साल में पहली बार ऐसा होगा जब कांग्रेस का प्रत्याशी तो चुनावी मैदान में होगा, लेकिन कांग्रेस उसके खिलाफ प्रचार करेगी। दरअसल, यहां कांग्रेस ने भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के साथ गठबंधन किया है।
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17 चुनाव में से कांग्रेस ने 12 जीते
बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर अब तक 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं जिसमें से कांग्रेस ने 12 पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस यहां से लगातार पांच बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी बना चुकी है। इसके बाजवूद कांग्रेस को चुनाव से 6 महीने पहले बनी पार्टी BAP से गठबंधन करना पड़ा। कांग्रेस यहां अपने प्रत्याशी तक खड़े नहीं करना चाहती थी। लेकिन कुछ स्थानीय नेताओं के दवाब के चलते प्रत्याशी खड़ा किया गया मगर जब पार्टी के बीएपी के साथ गठबंधन किया जो उम्मीदवार ने नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया।
मालवीया को हराने के लिए गठबंधन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीया पार्टी बदलकर भाजपा में शामिल हो गए। वे यहां भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में मालवीया को रोकने के लिए कांग्रेस को भारतीय आदिवासी पार्टी से गठबंधन करना पड़ा। प्रत्याशी और गठबंधन को लेकर डूंगरपुर और बांसवाड़ा के कांग्रेस के नेताओं में भी दो फाड़ हो गए हैं।
डूंगरपुर के शीर्ष नेता कांग्रेस प्रत्याशी उतारने के मूड में नहीं थे, जबकि स्थानीय नेता गठबंधन के पक्ष में नहीं थे। पार्टी आलाकमान द्वारा भारत आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन के निर्णय के बाद भी कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के नामांकन पत्र वापस नहीं लिए। इसके चलते कांग्रेस ने 3 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया।
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