Knowledge Corner: आपने अधिकांश बंद घड़ियों में देखा होगा कि उसमें 10 बजकर 10 मिनट समय दिखता है। ये समय टाइटन से लेकर केसियो, रोलेक्स, कार्टियर और ओमेगा समेत अधिकांश घड़ियों में देखने को मिलेगा। इतना ही नहीं, घड़ी की बड़ी-बड़ी कंपनियां अखबारों, टीवी चैनलों, होर्डिंग्स में जो विज्ञापन करती हैं, उसमें भी आपको ये ही समय दिखेगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बंद घड़ियों में 10 बजकर 10 मिनट या 2 बजने में 10 मिनट का समय ही क्यों सेट होता है। दुनियाभर की नामी-गिरामी घड़ी कंपनियों की इस थ्योरी के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं आज के नॉलेज कॉर्नर में….
विक्ट्री का साइन
घड़ियों में 10 बजकर 10 मिनट के पीछे कई कहानियां हैं। लेकिन इसके पीछे का सच जो है वो बिल्कुल अलग है। क्योंकि घड़ी बनाने वाली कंपनियां हमेशा से ऐसा ही करती आ रही हैं। बता दें कि इसकी सबसे पहली वजह घड़ी की खूबसूरती को माना जाता है। दरअसल कंपनियों का मानना है कि जब घड़ी में 10 बजकर 10 मिनट का समय नजर आता है, तो वो बेहद खूबसूरत लगती है। वहीं इस समय पर कोई भी सुई एक दूसरे को ओवरलैप नहीं करती है।
अमेरिकी कहानियां
इस समय को लेकर कुछ अन्य कहानियां भी हैं। जैसे कुछ लोगों का मानना है कि ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इसी समय पर कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों की मौत हुई थी। अमेरिकी लोगों को लगता है कि वहां के स्टोर में घड़ियों पर 10:10 का टाइम इसलिए सेट करके रखा जाता है, क्योंकि यह वही समय है जब अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, जॉन एफ कैनेडी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या हुई थी। हालांकि यह सच बिल्कुल नहीं है।
सुड़यां बनाती है विक्ट्री का साइन
जानकारी के मुताबित 10:10 बजने पर सुड्यां कुछ इस तरह से सेट होती हैं कि कंपनी का लोगो और नाम स्पष्ट दिखाई देता है। क्योंकि ज्यादातर घड़ियों में कंपनी का लोगो और नाम बीचों-बीच लिखा होता है। सुइयों को इस समय छुपती नहीं है। घड़ी के विज्ञापन में 10 बजकर 10 मिनट पर सुड़यां विक्ट्री का साइन बनाती हैं।