Lunar Eclipse 2024: वर्ष 2024 का पहला चंद्रग्रहण 25 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लगेगा। भारत में फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन होली का त्योहार मनाया जाता है। खगोलविदों के अनुसार, ग्रहण सुबह 10.23 मिनट से शुरू होगा और दोपहर बाद 3.02 बजे तक जारी रहेगा।
100 साल बाद आ रहा है ऐसा मौका
ऐसा मौका 100 साल बाद आ रहा है जब होली के दिन चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। यह एक उपछाया ग्रहण होगा। ऐसा तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के हल्के हिस्से से होकर गुजरता है। इसके चलते इस ग्रहण को नग्न आंखों से देखना संभव नहीं होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, आंशिक या पूर्ण ग्रहण के विपरीत उपछाया ग्रहण के दौरान चंद्रमा की सतह का रंग हल्का धुंधला रहेगा। उपछाया ग्रहण के चलते चंद्रमा की छाया में हल्का अंतर होता है और कई बार इसे पहचान पाना मुश्किल होता है। ये आंशिक या पूर्ण ग्रहण की तुलना में अधिक आम हैं।
भारत में नहीं दिखाई देगा चंद्रग्रहण
नासा के अनुसार, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दौरान होता है। जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के ठीक बीच में स्थित होती है, तो पृथ्वी
त्योहार पर नहीं पड़ेगा असर खास बात ये है कि होली के दिन लगने जा रहा ये चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इस खगोलीय घटना को आयरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, इंग्लैंड, दक्षिण नॉर्वे, इटली, पुर्तगाल, रूस, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड और फ्रांस के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा।
त्योहार पर नहीं पड़ेगा कोई असर
चूंकि, ये ग्रहण भारतीय उपमहाद्वीप में नजर नहीं आएगा, जिसके चलते होली के त्योहार पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा की सतह धुंधली हो जाती है और कभी-कभी कुछ घंटों के दौरान चंद्रमा की सतह एकदम लाल हो जाती है।