जयपुर। ‘सरकार भले ही राजीव गांधी युवा मित्र योजना का नाम बदलकर अटल युवा मित्र या फिर दीनदयाल युवा मित्र योजना कर दे, पर हमसे हमारा रोजगार नहीं छीनें। हम 5000 लोगों का इस योजना की वजह से हमारे परिवार का पालन पोषण हो रहा था।’ यह मांग जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दे रहे राजीव गांधी युवा मित्रों ने की। युवा मित्र संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव रामचंद्र नायक ने बताया कि पिछले 1 महीने से बेरोजगार हुए 5000 युवा मित्र शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं।
अब तक सरकार की ओर से हमसे बातचीत तक नहीं की गई। इस गम में हमारे एक साथी की मौत भी हो गई है। बावजूद इसके हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है। जब सरकार कांग्रेसी नेताओं को बीजेपी में शामिल कर सकती है तो फिर क्यों कांग्रेस सरकार की योजना को बंद कर रही है। इसे भी नाम बदल शुरू रखा जाए। सरकार ने समय रहते ऐसा नहीं किया तो इसका नुकसान लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ेगा।
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कई नेताओं का मिल चुका है समर्थन
नायक ने बताया कि राजीव गांधी युवा मित्रों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी के विधायक सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत एक दर्जन विधायक और नेता शहीद स्मारक पहुंचकर धरना दे चुके हैं। वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हनुमान बेनीवाल ने भी युवा मित्रों का समर्थन किया था। इसके बाद से ही प्रदेश में सोशल मीडिया पर भी एक बार र फिर राजीव गांधी युवा मित्रों को रोजगार देने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
क्या है मामला
बता दें कि पूर्वकांग्रेस सरकार के वक्त शुरू हुई राजीव गांधी युवा मित्र को भाजपा सरकार के गठन के बाद बंद कर दिया गया था। इसके बाद पिछले महीने दिसंबर में युवा मित्रों ने शहीद स्मारक पर 5 दिन (27 दिसंबर से 31 दिसंबर) का धरना दिया था। इसके बाद 13 जनवरी से एक बार फिर प्रदेशभर के युवा मित्र सरकार के खिलाफ शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार के स्तर पर इस मुद्दे पर कोई चर्चा तक नहीं हुई है। इसको लेकर अब युवाओंका विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है।
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