पटना। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 12 फरवरी को बहुमत साबित करना है, लेकिन विश्वास मत से पहले ही वहां फिर खेला होने के सुर मुखर होने लगे हैं। राजद नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावा राजग में शामिल जीतनराम मांझी भी खेला होने की बात कह रहे हैं। हालांकि यह माना जा रहा है राजग नीत गठबंधन के पास जरूरी बहुमत है और वह यह परीक्षा पास कर लेगा। दूसरी ओर कांग्रेस अपने सदस्यों को एकजुट रखने के लिए पहले ही हैदराबाद भेज चुकी है। नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को महागठबंधन का साथ छोड़ फिर से भाजपा के साथ नई सरकार का गठन किया था। अब इस नई सरकार को 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत सिद्ध करना है।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संयोजक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है। दरअसल पहले मांझी राजग की नई सरकार में दो मंत्रालय मांग रहे थे। हालांकि पार्टी को एक ही विभाग मिला और मांझी के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया। सूत्रों के अनुसार बेटे को अच्छा मंत्रालय नहीं मिलने से मांझी नाराज हैं। मांझी ने कहा कि उन्हें भी यही विभाग दिया था। मांझी के रुख को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।
बिहार विधानसभा: जीत का गणित
बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 122 है। राजग सरकार ने 128 सदस्यों के समर्थन का दावा पेश किया है। अगर जीतन राम मांझी के चार विधायक न भी हो तो राजग का आंकड़ा 124 रहेगा।
जदयू बहुमत साबित करने के प्रति आश्वस्त
वहीं, फ्लोर टेस्ट को लेकर नीतीश कुमार के करीबी नेता अशोक चौधरी ने दावा किया कि खेला तो होगा ही लेकिन किसके पक्ष में होगा, क्या होगा, ये तो समय बताएगा। अशोक चौधरी ने कांग्रेस विधायकों के हैदराबाद जाने की बात पर कहा कि कहीं जाएं यह उनकी पार्टी का मामला है। मंत्रिमंडल विस्तार पर कहा कि यह सीएम तय करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने विधायकों के टूटने को लेकर आशंकित है।
सरकार में जदयू के मंत्री विजय चौधरी ने तेजस्वी यादव के बयान ‘खेल तो अभी बाकी है’ पर कहा कि हर आदमी अपनी तरह से कोशिश करता है,लेकिन लोकतंत्र में ये गणित का खेल है। उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुमत है। सरकार साबित कर देगी, ये सभी जानते हैं। लेकिन अगर यही ‘खेल’ है तो ‘खेल’ होगा।
परिवारवाद के चलते लालू परेशान: कुशवाहा
सीतामढ़ी। राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव परिवारवाद की राजनीति के चलते परेशान हैं। राजद के साथ जदयू के चले जाने पर टिप्पणी करते हुए कुशवाहा ने कहा, नीतीश कुमार बड़े भाई हैं। उन्हें सचेत किए थे। भूल मत कीजिए। बाद में उनकी बात सच साबित हुई। उनका (नीतीश कुमार) निर्णय बिहार के हित में नहीं था। अब एनडीए के साथ हैं। इसके लिए उन्हें धन्यवाद।
कुशवाहा ने डुमरा हवाई अड्डा मैदान में सोमवार को पार्टी महारैली में ये बातें कही। उन्होंने कहा, वे बिहार में शिक्षक की बहाली की प्रक्रिया और शिक्षा में सुधार के मुद्दे पर भी बोलते रहे हैं, ताकि योग्य शिक्षक बहाल हो और बिहार के बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले। अब उस पर सरकार अमल कर रही है। बीपीएससी के तहत शिक्षकों की बहाली की जा रही है। कहा, राज्य सरकार पात्रता परीक्षा में फेल होने वाले शिक्षकों को हटाने की सोच रही है। यह सोच अन्याय पूर्ण है। ऐसे शिक्षकों को दूसरे विभागों में समायोजन किया जाना चाहिए।