Interim Budget 2024 : नई दिल्ली। केंद्र की भाजपा नीत सरकार द्वारा आज पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट में अगामी लोकसभा चुनावों की छाया नजर आ सकती है। इसमें कई सियासी संदेश छिपे हो सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार की नजर एक बड़े वोट बैंक पर रह सकती है जिसमें महिलाएं, किसान व वेतनभोगी लोग अहम हैं।
उम्मीद है कि सरकार इस कार्यकाल के इस आखिरी बजट में करदाताओं, किसानों, सरकारी कर्मचारियों को लुभाने के लिए कुछ लोकलुभावन घोषणाएं कर सकती है। इसके साथ ही विकास की रफ्तार को गति देने, साथ ही आधारभूत ढांचे की मजबूती के लिए पूंजीगत खर्च के लिए सरकार ज्यादा पैसे का प्रावधान कर सकती है।
सरकार ने 2019 में आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों-को लक्षित किया था। कुल मिलाकर ये लगभग 75 करोड़ मतदाता हैं। ऐसी संभावना है कि सरकार इस बार भी इन मतदाताओं का खास ध्यान रखेगी। जानकारों के अनुसार अंतरिम बजट के आधार पर नई सरकार को पूर्ण बजट पेश करने में आसानी मिलती है। इस बजट में सरकार कई नए ऐलान कर सकती हैं।
साल 2019 में जब मोदी सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था, उसी समय पीएम किसान किसान सम्मान निधि योजना की भी शुरुआत की गई थी। जिसे उस समय मोदी सरकार का बड़ा दांव माना गया था। इस योजना के तहत देश के किसानों को आर्थिक सहायता के रूप में सालाना 6000 रुपए दिए जाते हैं। इस बार के अंतरिम बजट में महिलाओं के लिए भी बजट का आकार बढ़ाया जा सकता है। खासकर कृषि क्षेत्र में तो महिलाओं के लिए भारी भरकम ऐलान किए जाने की उम्मीद है।
किसान निधि की राशि बढ़ाकर की जा सकती है 9000 रुपए
2022 तक मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था जो अब तक अधूरा है. ऐसे में किसानों को राहत देने के लिए सरकार पीएम किसान योजना के तहत 6000 रुपए सालाना दिए जाने वाले रकम को बढ़ाकर 9000 रुपए करने की घोषणा कर सकती है। कोरोना काल के दौरान ग्रामीण इलाकों में रोजगार देने वाला सबसे कारगर साबित हुआ था। माना जा रहा है कि कें द्र सरकार शहरी इलाकों में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए शहरी मनरेगा जैसी योजना शुरू कर सकती है।
करदाताओं को बड़ी राहत संभव
अगामी चुनावों के मद्देनजर मोदी सरकार की नजर वेतनभोगी वर्ग से लेकर किसानों व महिलाएं सभी पर रहने की उम्मीद है। वेतनभोगी वर्ग और महिलाएं बीते एक साल से महंगाई से परेशान हैं। ऐसे में ये उम्मीद की जा रही है कि निर्मला सीतारमण महंगाई से राहत देने के लिए टैक्स के मोर्चे पर करदाताओं को बड़ी राहत दे सकती हैं। उम्मीद है कि अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को मौजूदा 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए किया जा सकता है। साथ ही नए टैक्स रिजिम के तहत फिलहाल 7 लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स नहीं देना होता है। इस सीमा को बढ़ाकर 7.50 लाख रुपए किया जा सकता है।