Jat OBC Reservation in Centre: भरतपुर-धौलपुर का जाट समाज केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है। जाट फिलहाल भरतपुर जिले के उज्जैन थाना क्षेत्र के गांव जयचोली में महापड़ाव डाले हुए हैं। जाट आरक्षण समिति ने 7 जनवरी को एक महापंचायत कर सरकार को 10 दिन का समय दिया था। सरकार की तरफ से एक 4 सदस्यीय कमेटी का गठन कर जाट आरक्षण संघर्ष समिति से वार्ता की जा रही है, लेकिन अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटी ने केंद्र सरकार को सिफारिशी चिट्ठी लिखवाने की सहमति जता दी है।
जाट समाज की सरकार की कमेटी हुई वार्ता
बता दें कि जाट आरक्षण संघर्ष समिति का 11 सदस्यीय दल सोमवार से जयपुर में सरकार से वार्ता करने के लिए आया था। इस दौरान संघर्ष समिति की पहले दौर की वार्ता सरकार की ओर से गठित कमेटी से हुई। इसके बाद मंगलवार को विधानसभा के चेंबर में संघर्ष समिति की मुख्यमंत्री से वार्ता होनी थी। लेकिन पीएम मोदी के प्रस्तावित जयपुर दौरे की तैयारियों के कारण मुख्यमंत्री भजनलाल आरक्षण संघर्ष समिति से वार्ता नहीं कर पाए। भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेमसिंह फौजदार ने बताया कि राज्य सरकार की गठित कमेटी में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत और डीम कुम्हेर विधायक डॉ. शैलेष सिंह से वार्ता हुई है।
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मांग पूरी नहीं होने पर उग्र होगा आंदोलन
17 जनवरी से जाट समाज मुंबई-दिल्ली रेवले मार्ग से करीब 300 मीटर दूर महापड़ाव डाले हुए है। आंदोलनकारियों ने कहा कि मांग पूरी नहीं होने पर सभी रेलवे मार्ग और सड़कों पर जल्द ही जाम करने की चेतावनी दी है। महापड़ाव स्थल पर आंदोलनकारियों के लिए खाने-पीने और ठंड से बचने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। कोई विवाद ना हो इसके चलते भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है।
7 साल से हो रही आरक्षण की मांग
सरकार और आंदोलनकारियों के बीच जयपुर में वार्ता चल रही है, लेकिन महापड़ाव जारी है। जाट आंदोलनकारी पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि उन्हें आरक्षण से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। केंद्र में ओबीसी आरक्षण का लाभ भरतपुर-धौलपुर जाट समाज को छोड़कर, राजस्थान के सभी जिलों के लोगों को मिल रहा है। साल 2017 में वसुंधरा राजे की सरकार ने दोनों जिलों के जाट समाज को आरक्षण देने का प्रावधान किया था, तब से अब तक केंद्र में आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार पर दवाब बनाने के लिए जाट आरक्षण समिति ने आंदोलन तेज करने का आह्वान किया है।
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