कोटा। रामजन्म भूमि अयोध्या में 22 जनवरी को ‘राम लला’ की बड़े धूमधाम से प्राण प्रतिष्ठा हुई। एक तरफ 496 साल बाद अयोध्या में प्रभु श्री राम की वापसी हुई तो वहीं दूसरी ओर सोमवार को 24 घंटे के अंदर कोटा के अस्पतालों में 100 से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ। कोटा शहर के जेकेलोन में सबसे ज्यादा 23 बच्चों ने जन्म लिया। इसके अलावा जिले के निजी अस्पतालों सहित जिले के स्वास्थ्य केद्रों पर भी प्रसव हुए। इनमें सबसे ज्यादा प्रसव झालावाड़ रोड़ स्थित निजी अस्पताल में 8 बच्चों ने जन्म लिया।
रामगंज मंडी में 5 बच्चों ने दुनिया में प्रवेश किया और उस समय वहां पर जगदीश गुप्ता और उनकी पार्षद पत्नी अंजना गुप्ता ने सभी प्रसुताओं को बच्चों के लालन-पालन के लिए 5100 रुपए की आर्थिक मदद की।
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पहले ही बुक करा ली थी 22 जनवरी
सोमवार को जन्मे बच्चों को कोटा के जेकेलोन और मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में सभी बच्चों को कपड़े मुहैया करवाए गए हैं। ‘राम लला’ के अयोध्या में विराजमान होने की तारीख को लेकर पहले पेरेंट्स ने डिलीवरी के लिए 22 जनवरी की तारीख बुक करा ली थी। ऐसे में करीब 20 से ज्यादा सिजेरियन प्लांड भी हुए हैं, जबकि जेकेलोन अस्पताल में 10 सिजेरियन और मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में पांच सिजेरियन हुए हैं।
बच्चों के नाम रखे सिया और राम
22 जनवरी को पैदा हुए बच्चों के पेरेंट्स ने अपने बच्चों के नाम सिया और राम रखा है। बता दें कि कोटा के प्रेम नगर निवासी चंद्रकला ने बेटी जन्म पर उसका नाम सिया रखा है। इसी तरह से कुन्हाड़ी निवासी शुभम जाजू ने अपने बेटे का नाम रखा है। इस तरह से बारां जिले छीपाबड़ौदा निवासी मनभर के भी 22 जनवरी को प्रसव हुआ। उन्होंने श्रीनाथपुरम में स्थित निजी अस्पताल में प्रसव करवाया था, जहां पर पांच लड़कियों के बाद लड़के का जन्म हुआ है।
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