Jat Andolan : जयपुर। भरतपुर और धौलपुर के जाटों को केंद्र में आरक्षण देने की मांग को लेकर जाट समाज का 5वें दिन रविवार को भी उच्चैन के गांव जयचौली में महापड़ाव जारी है। डीग-कुम्हेर विधायक डॉ शैलेश दिगम्बर सिंह वार्ता का प्रस्ताव लेकर आज महापड़ाव स्थल पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी भरतपुर और धौलपुर के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण देने के पक्ष में है। साथ ही उन्होंने वादा किया कि जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल की जल्द ही मुख्यमंत्री से वार्ता करवाई जाएगी।
जाट आरक्षण आंदोलन स्थल पहुंचे भाजपा विधायक शैलेश सिंह ने कहा कि आरक्षण की मांग वाजिब है। हम सरकार से निवेदन करेंगे की दोनों जिलों के जाटों को आरक्षण देने की पहल सकारात्मक रूप से की जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार की ओर से वार्ता कर प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही समय और स्थान तय होगा। इस दौरान नदबई एएसपी रघुवीर सिंह कविया भी मौजूद रहे।
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सीएम ने किया कमेटी का गठन
इधर, जाट आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कमेटी का गठन कर दिया है। जिसमें दो कैबिनेट मंत्री और दो विधायक शामिल है। सरकार की ओर से गठित कमेटी में सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, पीएचडी मिनिस्टर कन्हैयालाल चौधरी, नदबई विधायक कुंवर जगत सिंह और डीग-कुम्हेर विधायक डॉ शैलेश दिगम्बर सिंह शामिल है। यह कमेटी जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल की मुख्यमंत्री से वार्ता कराएगी।
5 दिन से चल रहा है शांतिपूर्ण
बता दें कि केंद्र की नौकरियों में ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर-धौलपुर के जाट 5 दिन से उच्चौन तहसील के जयचौली गांव में महापड़ाव पर बैठे हुए है। शुक्रवार को महापड़ाव में बड़ी संख्या में महिलाएं लाठियां, कुल्हाड़ी, दरांती लेकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करती हुई पहुंची थी।
जाट समाज की चेतावनी-22 के बाद उग्र होगा आंदोलन
इसके बाद शुक्रवार को सरकार की ओर से एडिशनल एसपी रघुवीर सिंह कविया और उच्चैन एसडीएम वार्ता का प्रस्ताव लेकर महापड़ाव स्थल पहुंचे थे। जिस पर समाज के लोगों ने 16 सदस्यीय कमेटी गठित की है। जो सीएम से समय मिलने के बाद मुलाकात के लिए पहुंचेगी। हालांकि, भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि वार्ता सफल नहीं हुई तो आंदोलन उग्र होगा। जाट समाज लगातार चेतावनी देता आ रहा है कि 22 जनवरी के बाद उग्र आंदोलन किया जाएगा।