CM Bhajan Lal Sharma: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के हाल में दिल्ली के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया जिसके बाद दिल्ली से लेकर जयपुर तक हड़कंप मच गया. जानकारी के मुताबिक भजनलाल शर्मा जोधपुर हाउस में ठहरे हुए थे जहां मंगलवार रात को उनके कमरे में लगे हीटर में शॉर्ट सर्किट हो गया जिसके बाद सीएम ने अपने पास लगा अलार्म बजाकर सुरक्षाकर्मी को बुलाया लेकिन काफी देर तक कोई वहां नहीं पहुंचा. अब मामला मीडिया में आने के बाद इसकी जांच की जा रही है.
डीजीपी यूआर साहू का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट आने पर एडीजी इंटेलिजेंस से मामले की रिपोर्ट मांगी गई है और सुरक्षा में ऐसी कोई चूक नहीं हुई है. डीजीपी के मुताबिक सीएम के पास वाले कमरे में एक पीएसओ सो रहा था जिसे जानकारी मिलते ही वह सीएम के कमरे में गया और आग को कंट्रोल किया.
वहीं इस मामले में जोधपुर हाउस के इंचार्ज जेईएन महेश कुमार पर गाज गिरने के बाद असिस्टेंट रेजीडेंट कमिश्नर रिंकू मीणा की अगुवाई में एक जांच कमेटी भी बनाई गई है जो मामले की जांच करेगी. इसके अलावा सीएम की सुरक्षा में लगे सिक्योरिटी प्रभारी सीआई रामचंद्र पर भी एक्शन हो सकता है. आइए जानते हैं कि आखिर मुख्यमंत्री की सुरक्षा में किस रैंक के अधिकारी होते हैं और कितना बड़ा होता है किसी सीएम का सुरक्षा घेरा.
कैसे होता है CM का सुरक्षा घेरा?
जानकारी के लिए बता दें कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री कई सुरक्षा के घेरे में रहते हैं. वहीं जब मुख्यमंत्री किसी जिले के दौरे पर जाते हैं तो वहां उनके साथ SP रैंक का कोई अधिकारी मौजूद रहता है. इसके अलावा सीएम का काफिला प्रदेश के जिस भी विधानसभा क्षेत्र या इलाके से गुजरता है तो वहां की थाना पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करती है. वहीं सीएम के सुरक्षा घेरे में एडिशनल SP से लेकर IPS स्तर के कई अधिकारी तैनात रहते हैं.
फिर ये सफारी सूट वाले कौन होते हैं?
वहीं सीएम के आगे पीछे आपने कुछ सादे कपड़ों में या सफाऱी सूट पहने कुछ अधिकारी देखे होंगे जो इंटेलिजेंस के अधिकारी होते हैं. ये वो लोग होते हैं जो सीएम की सुरक्षा घेरे का अहम हिस्सा होते हैं. वहीं किसी संवेदनशील इलाके में जाने पर सीएम का सुरक्षा घेरा बड़ा कर दिया जाता है.